यूपी में अब एक भी तबादला सीएम के परमिशन के बिना नहीं होगा , आदेश जारी हुआ 

Not a single transfer will happen without CM's permission, order issued

यूपी में अब एक भी तबादला सीएम के परमिशन के बिना नहीं हो पाएगा।

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने ट्रांसफर नीति को लेकर यह आदेश जारी किया है।

इस आदेश में कहा गया है कि ट्रांसफर सत्र समाप्त होने के कारण ऐसा किया गया है।

हालांकि, यह आदेश पहले केवल ग्रुप ए ग्रुप बी की नौकरियों पर लागू होता था।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ 

 
लखनऊ। यूपी में अब एक भी तबादला सीएम के परमिशन के बिना नहीं हो पाएगा। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने ट्रांसफर नीति को लेकर यह आदेश जारी किया है।

इस आदेश में कहा गया है कि ट्रांसफर सत्र समाप्त होने के कारण ऐसा किया गया है। हालांकि, यह आदेश पहले केवल ग्रुप ए ग्रुप बी की नौकरियों पर लागू होता था।

इसके तहत पूरे प्रदेश के राज्य कर्मचारी, निकाय कर्मचारी, शिक्षक और निगम शामिल होंगे। अनुमान के तौर पर प्रदेश के 25 लाख कर्मचारियों पर इसका असर होगा।

पिछले 3 साल से यूपी में ट्रांसफर नीति शून्य थी तबादलों पर उठे थे सवाल

पिछले 3 साल से यूपी में ट्रांसफर नीति शून्य थी। कोविड की वजह से समान्य तबादले नहीं हो रहे है। लेकिन इस बार सभी विभाग में सामान्य तबादले हुए।

उसमें बड़े स्तर पर धांधली भी हुई है। लोक निर्माण विभाग से लेकर वाणिज्य कर और स्वास्थ्य विभाग में तबादलों में गड़बड़ी हुई थी।

लोक निर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग में तो बड़े स्तर पर कार्रवाई तक हुई है। ऐसे में तबादला सत्र समाप्त होने के बाद यह आदेश जारी कर दिया गया है कि अब कोई ट्रांसफर सीएम के अनुमोदन के खिलाफ नहीं होगा।

जानें क्या थी तबादला नीति

सरकार की नई तबादला नीति के मुताबिक ग्रुप क और ख के जिन अधिकारियों को एक जिले में तीन साल हो गए हैं और एक मंडल में सात साल हो गए हैं।उनके लिए तबादला की व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही समूह क और ख के सिर्फ 20 प्रतिशत कर्मचारियों का तबादला किया जाना था। वहीं, ग्रुप ग और घ के 10 फीसदी कर्मचारियों के तबादले होने थे। इसमें ग्रुप ख और ग के कर्मचारियों का तबादला मेरिट बेस्ड ऑनलाइन सिस्टम पर भी किया जाना था,लेकिन अधिकारियों ने नियमों की धज्जियां उड़ाकर मनमाने तरीके से तबादले किए।इतना ही नहीं एक कर्मचारी के दो दो जिले में तबादले कर दिए गए।जिनकी मौत हो चुकी है उसे भी नई पोस्टिंग दे दी गई।

आपको बताते चलें कि बीते दिनों कई विभागों में तबादले को लेकर जबरदस्त घमासान नजर आया था।कई मंत्रालयों में भी तबादले को लेकर विवाद नजर आया था।इस तबादला नीति को इसी साल जून में लागू की गई थी।इससे पहले सत्र 2018-19 में तबादला नीति लाई गई थी, जो तीन सालों के लिए लागू की गई थी। पिछले दो सालों से कोरोना के कारण नई तबादला नीति नहीं लाई गई थी।

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