वाराणसी में मेयर की सीट हुई सामान्य 

वाराणसी में मेयर की सीट हुई सामान्य
उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव के लिए पार्षदों और सभासदों की आरक्षण सूची जारी करने के बाद सोमवार को नगर विकास विभाग ने मेयर पद के आरक्षण की स्थिति भी स्पष्ट कर दी है। वाराणसी में इस बार मेयर का पद अनारक्षित यानी जनरल कैटेगरी के लिए रखा गया है। इससे पहले वर्ष 2017 में वाराणसी के मेयर का पद पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित किया गया था। इसके अलावा वाराणसी की नगर पंचायत गंगापुर के अध्यक्ष का पद भी अनारक्षित रखा गया है।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

वाराणसी । उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव के लिए पार्षदों और सभासदों की आरक्षण सूची जारी करने के बाद सोमवार को नगर विकास विभाग ने मेयर पद के आरक्षण की स्थिति भी स्पष्ट कर दी है। वाराणसी में इस बार मेयर का पद अनारक्षित यानी जनरल कैटेगरी के लिए रखा गया है। इससे पहले वर्ष 2017 में वाराणसी के मेयर का पद पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित किया गया था। इसके अलावा वाराणसी की नगर पंचायत गंगापुर के अध्यक्ष का पद भी अनारक्षित रखा गया है।

मेयर और नगर पंचायत के अध्यक्ष पद की आरक्षण सूची को लेकर आगामी 12 दिसंबर की शाम 6 बजे तक आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। इसके लिए लखनऊ स्थित बापू भवन में नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव को संबोधित करते हुए अपनी आपत्ति देनी होगी।

मेयर के आरक्षण की अधिसूचना यहां देखें....

वर्ष 1995 से है भाजपा का कब्जा

वाराणसी में मेयर पद पर वर्ष 1995 से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। यहां वर्ष 1995 से 2000 तक भाजपा की सरोज सिंह मेयर रहीं। फिर, भाजपा के अमरनाथ यादव, कौशलेंद्र सिंह और रामगोपाल मोहले मेयर चुने गए।

वर्ष 2017 में भाजपा की मृदुला जायसवाल मेयर चुनी गईं। खास बात यह भी है कि भाजपा ने अपने किसी भी मेयर को दूसरी बार नगर निकाय चुनाव में किस्मत आजमाने का अवसर नहीं दिया।

यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी से जुड़े मामले की सुनवाई अब 7 दिसंबर को, मां श्रृंगार गौरी केस के साथ अन्य 6 मुकदमों को सुनने की मांग

Share this story