मायावती ने केंद्र से मांगा जवाब, बोलीं- अडाणी समूह से जुड़े आरोपों पर संसद में जवाब दे सरकार

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को अडाणी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों पर आगामी सत्र में संसद में अपना पक्ष देना चाहिए।   अमेरिका की निवेश अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि अडाणी समूह "स्टॉक हेरफेर और लेखा संबंधी धोखाधड़ी में लिप्त था।" अडाणी समूह ने इसे दुर्भावनापूर्ण, निराधार और एकतरफा बताया है। उसका आरोप है कि यह रिपोर्ट उसकी शेयर-बिक्री को बर्बाद करने के लिए दुर्भावनापूर्ण इरादे से पेश की गई है।   मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा "देश में पिछले दो दिनों से गणतंत्र दिवस से ज्यादा प्रमुख अडाणी उद्योग ग्रुप के सम्बंध में अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की आई निगेटिव रिपोर्ट व उसके शेयर बाजार पर व्यापक बुरे प्रभाव आदि काफी चर्चा में हैं। सरकार चुप है जबकि देश के करोड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई उससे जुड़ी हुई है।"   उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा "शेयरों में धोखाधड़ी आदि के आरोपों के बाद अडाणी की सम्पत्ति में 22.6 अरब डालर की कमी व उनके विश्व रैंकिंग घटने से ज्यादा लोग इससे चिन्तित हैं कि सरकार ने ग्रुप में जो भारी निवेश कर रखा है, उसका क्या होगा? अर्थव्यवस्था का क्या होगा? बेचैनी व चिन्ता स्वाभाविक। समाधान जरूरी।"   मायावती ने कहा, ''संसद के 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र के प्रारंभ में ही सरकार को इस मुद्दे पर विस्तार से स्वयं ही वक्तव्य सदन के दोनों सदन में रखना चाहिए ताकि पूरे देश में व खासकर अर्बन मिडिल क्लास (शहरी मध्यम वर्ग) परिवारों में आर्थिक जगत तथा अडाणी ग्रुप आदि को लेकर छाई बेचैनी व मायूसी थोड़ी कम हो सके।"

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ 

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को अडाणी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों पर आगामी सत्र में संसद में अपना पक्ष देना चाहिए। 

अमेरिका की निवेश अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि अडाणी समूह "स्टॉक हेरफेर और लेखा संबंधी धोखाधड़ी में लिप्त था।" अडाणी समूह ने इसे दुर्भावनापूर्ण, निराधार और एकतरफा बताया है। उसका आरोप है कि यह रिपोर्ट उसकी शेयर-बिक्री को बर्बाद करने के लिए दुर्भावनापूर्ण इरादे से पेश की गई है। 

मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा "देश में पिछले दो दिनों से गणतंत्र दिवस से ज्यादा प्रमुख अडाणी उद्योग ग्रुप के सम्बंध में अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की आई निगेटिव रिपोर्ट व उसके शेयर बाजार पर व्यापक बुरे प्रभाव आदि काफी चर्चा में हैं। सरकार चुप है जबकि देश के करोड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई उससे जुड़ी हुई है।" 

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा "शेयरों में धोखाधड़ी आदि के आरोपों के बाद अडाणी की सम्पत्ति में 22.6 अरब डालर की कमी व उनके विश्व रैंकिंग घटने से ज्यादा लोग इससे चिन्तित हैं कि सरकार ने ग्रुप में जो भारी निवेश कर रखा है, उसका क्या होगा? अर्थव्यवस्था का क्या होगा? बेचैनी व चिन्ता स्वाभाविक। समाधान जरूरी।" 

मायावती ने कहा, ''संसद के 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र के प्रारंभ में ही सरकार को इस मुद्दे पर विस्तार से स्वयं ही वक्तव्य सदन के दोनों सदन में रखना चाहिए ताकि पूरे देश में व खासकर अर्बन मिडिल क्लास (शहरी मध्यम वर्ग) परिवारों में आर्थिक जगत तथा अडाणी ग्रुप आदि को लेकर छाई बेचैनी व मायूसी थोड़ी कम हो सके।" 

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