लखनऊ : KGMU में शुरु हुई मंकीपॉक्स टेस्टिंग , डॉक्टरों ने एडवाइजरी जारी की मंकीपॉक्स संक्रमित मां बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग न कराएं 

Lucknow: Monkeypox testing started in KGMU, doctors issued advisory, monkeypox infected mother should not breastfeed the child

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

लखनऊ। यूपी में अब मंकीपॉक्स की टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध हो गई है। KGMU में माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ.अमिता जैन ने बताया कि मंकीपॉक्स की टेस्टिंग के लिए रीएजेंट की जरूरत थी। वह अब आ चुका है।

यह टेस्टिंग अब संस्थान में ही उपलब्ध है। इससे पहले गुरुवार की बुधवार को टीम ने बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी कोविड अस्पतालों में मंकीपॉक्स के लिए 10 बेड़ रिजर्व करने के निर्देश दिए थे।

भारत में मंकीपॉक्स के 4 केस आने के बाद अब इस रहस्यमयी बीमारी को लेकर लोगों में डर बढ़ रहा है। इस बीच सरकारी गाइडलाइन और डॉक्टरों ने एडवाइजरी जारी की है। प्रेग्नेंट औरतों को मंकीपॉक्स का सॉफ्ट टारगेट बताने के साथ ही विशेषज्ञ मंकीपॉक्स संक्रमित मां को ब्रेस्टफीडिंग न कराएं जाने की बात कहते है। हालांकि हल्के या कम संख्या में चकत्ते या दाने पड़ने पर मां को ब्रेस्टफीडिंग करने में कोई मनाही नहीं है।

मंकीपॉक्स से बचाव में आइसोलेशन बेहद अहम

लखनऊ के लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय के निर्देशक डॉ. दीपा त्यागी कहती हैं कि मंकीपॉक्स को लेकर पूरी सावधानी बरतने की जरूरत हैं। अभी जिस स्टेज पर हम हैं उस लिहाज से सतर्कता बेहद जरूरी है।

नवजात है मंकीपॉक्स के सॉफ्ट टारगेट

संक्रमित मां के ब्रेस्टफीडिंग के सवाल पर डॉ. दीपा कहती हैं कि नवजात इस बीमारी के सॉफ्ट टारगेट है। नवजात बच्चों में इम्यूनिटी कम होती है, और उन्हें बेस्ट इम्यूनिटी मां के दूध से ही मिलती हैं। पर यदि मां मंकीपॉक्स संक्रमित है, तो मेरी यही हिदायत है कि उसे बच्चे से दूरी बनानी चाहिए। ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराना चाहिए।

मंकीपॉक्स और चेचक में यह है फर्क

लखनऊ के वरिष्ठ बाल रोग चिकित्सक डॉक्टर संजय निरंजन कहते हैं कि मंकीपॉक्स को लेकर लोगों में चिंता जरूर नजर आ रही है। तमाम तरह की क्वेरी भी इसको लेकर लोगों से जुड़ी आती है।

अभी तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार, कहा जा सकता है कि मंकीपॉक्स के लक्षण पहले चेहरे या मुंह में दिखाई पड़ते हैं। शरीर के अन्य हिस्सों में इनका प्रकोप बाद में आता है। इसके विपरीत चेचक में पहले शरीर के पेट और पीठ में दाने उभरते हैं और उसके बाद ही अन्य हिस्सों में दाने पड़ते है।

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