लखनऊ: डायबिटीज आंखों को पहुंचाती है गंभीर नुकसान, अंधेपन का बन सकती है कारण

लखनऊ: डायबिटीज आंखों को पहुंचाती है गंभीर नुकसान, अंधेपन का बन सकती है कारण

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

लखनऊ। मधुमेह यानी की शुगर से पीड़ित व्यक्ति के आंखों की रोशनी को नकुसान पहुंच सकता है। जिस तरह मधुमेह शरीर के अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाता है, ठीक उसी प्रकार आंखों को भी यह काफी नुकसान पहुंचाता है।

मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति डायबिटिक रेटिनोपैथी का शिकार हो सकता है, यह बीमारी मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति की रेटिना (आंख का पर्दा) को प्रभावित करती है।

यह कहना है केजीएमयू के नेत्र रोग विभाग के प्रो.संजीव कुमार गुप्ता का। उन्होंने बताया कि इस बीमारी में सबसे बड़ी समस्या यह है कि जब यह बीमारी बढ़ जाती है, तो इसके इलाज के विकल्प भी कम हो जाते हैं।

उन्होंने बताया कि यदि किसी को डायबिटीज आज शुरू हुई है, तो जरूरी नहीं की उसके आंख के पर्दे पर आज से ही असर पड़ना शुरू हो जाये।

डायबिटीज का रोग धीरे-धीरे शरीर पर असर डालता है और आंख के पर्दे पर इस बीमारी का असर पड़ने में करीब 6 साल का समय लगता है। इस दौरान यदि डायबिटीज नियंत्रित रखी जाये तो आंखे के पर्दे सालों तक ठीक रह सकते हैं, उन पर असर नहीं पड़ता है।

लक्षण

डायबिटिक रेटिनोपैथी बीमारी होने पर आंखों के पर्दे पर सूजन आ जाती है। सबसे पहले पीड़ित व्यक्ति को धुंधला दिखाई पड़ना शुरू होता है। लेकिन स्थिति तब ज्यादा खराब होती है जब आंख के पर्दे से खून का श्राव होने लगता है। तब पीड़ित व्यक्ति को काले-काले धब्बे दिखाई पड़ेंगे।

यदि यही रक्त श्राव यदि अधिक हो जाये तो फिर आंखों से दिखाई देना बंद हो जाता है। यदि इस समस्या का समय पर इलाज न कराया जाये, तो बाद में चलकर कोई इलाज कारगर साबित नहीं होगा। ऐसे में समय रहते चिकित्सक से मिलकर डायबिटीज को नियंत्रित रखें साथ ही समय-समय पर नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लेते रहें।

बताया जा रहा है कि यह रेटिना को रक्त पहुंचाने वाली बेहद ही पतली नसों के क्षतिग्रस्त होने के कारण होता है। इस बीमारी का समय पर इलाज जरूरी है। कराने से पूर्ण अंधापन भी हो सकता है। डायबिटीज के करीब 50 फीसदी मरीज इस बीमारी से पीड़ित हैं। विश्व भर में अंधेपन का यह सबसे बड़ा कारण है।

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