कानपुर : दो सरकारी विभागों के झगड़े में पिस रही आम जनता, जल निगम व जलकल का है विवाद

 कानपुर : दो सरकारी विभागों के झगड़े में पिस रही आम जनता, जल निगम व जलकल का है विवाद

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ 

कानपुर। गंगा बैराज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर विगत कई वर्षों से चला आ रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि नगर आयुक्त दावा कर रहें है कि अति शीघ्र जल निगम और जलकल के अधिकारियों के साथ बैठक करके विवाद का निस्तारण किया जाएगा। यह तय किया गया है कि बीस दिनों के भीतर प्लांट की खामियों को दूर कर दिया जाएगा। इसके बाद प्लांट को जल निगम हैंडओवर कर देगा। इस प्लांट से प्रतिदिन दस लाख लोगों को पानी की सप्लाई होती है।

175 करोड़ रुपये की है बकाएदारी

जल निगम बीते पांच वर्ष में कई बार प्लांट बंद करने की चेतावनी दे चुका है। प्लांट के रखरखाव और संचालन की बकायेदारी अब 175 करोड़ पहुंच चुकी है। जल निगम ने इस बार कहा था कि अगर अब रकम नहीं मिली तो प्लांट बंद कर दिया जाएगा। जेएनएनयूआरएम के तहत वर्ष 2013 में दो प्लांट बने थे। उनसे लगभग 100 मिलियन लीटर प्रतिदिन की वाटर सप्लाई शहर को हो रही है।

अब तक नहीं हो सका प्लांट हैंडओवर

उल्लेखनीय है कि इन प्लांट की क्षमता 400 एमएलडी की है लेकिन पाइप लाइनों की कनेक्टिविटी कई स्थान पर गायब होने से शहर भर में सप्लाई नहीं हो पा रही है। अतिशीघ्र प्लांट का हैंडओवर नहीं हुआ तो इसके संचालन में दिक्कत हो जाएगी। इतना ही नहीं टूटी पाइप लाइनों की मरम्मत भी नहीं हो पाएगी।

जल निगम के अधिशासी अभियंता सुनील कुमार ने बताया कि 15 दिसम्बर 2017 से ही इन परियोजनाओं को जलकल विभाग को हस्तांतरित करने के लिए पत्र लिखे जा रहे हैं। समुचित संसाधनों के अभाव में संचालन एवं रखरखाव में आ रही परेशानियों भी बताईं लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पाया है।

परियोजना के हैंडओवर के लिए शासन को भी पत्र भेजे। 2021 में दोनों विभागों की संयुक्त कमेटी की तरफ से बताई गई कमियां भी दूर कर ली गईं। बावजूद इसके योजना जलकल विभाग को हैंडओवर नहीं हो पाई।

Share this story