नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अडानी ग्रुप को बिजली सप्लाई का लाइसेंस मिलना मुश्किल , दलीलें भारत सरकार के नियमों पर खरा नहीं उतर रही

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
लखनऊ। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अडानी ग्रुप को बिजली सप्लाई का लाइसेंस मिलना मुश्किल लग रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के प्रत्यावेदन पर अब नियामक आयोग भी सख्त होता दिख रहा है। आयोग में इसको लेकर शुक्रवार को सुनवाई की गई।
इस दौरान उपभोक्ता परिषद ने शिकायत दर्ज कराई है अडानी ग्रुप की तरफ से लाइसेंस के लिए जो दलील दिए गए हैं, वह भारत सरकार के नियमों पर खरा नहीं उतर रहा है। परिषद के इस दलील पर नियामक आयोग ने सवाल खड़े कर दिए। याचिका को भारत सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के विपरीत बताया और उनसे जवाब मांगा है।
परिषद ने कहा उपभोक्ताओं की दलील सुनी जाए
नियामक आयोग ने उपभोक्ता परिषद के प्रत्यावेदन पर कहा कि आवेदन नियमों के खिलाफ है।आयोग के सचिव संजय कुमार सिंह ने याचिकाकर्ता मेसर्स अडानी इलैक्ट्रिसिटी जेवर लिमिटेड व अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड को जवाब भेज दिया गया है। उपभोक्ता परिषद ने पहले ही अडानी ग्रुप की याचिका के खिलाफ एक लोक महत्व याचिका दाखिल कर यह सवाल उठाया था।
परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि अडानी ग्रुप की याचिका को स्वीकार न किया जाए क्योंकि यह याचिका भारत सरकार के नियमों के विपरीत है और जब भी इसकी स्वीकार्रता पर सुनवाई की जाए उसमें उपभोक्ता परिषद को भी सुना जाए।
उपभोक्ता परिषद ने आयोग को दी बधाई
आयोग द्वारा सुनाए गए इस ऐतिहासिक निर्णय के बाद अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह व सदस्य वीके श्रीवास्तव से बात कर उन्हें इस संवैधानिक पारदर्शी निर्णय के लिए बधाई दी। आज के निर्णय ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि विद्युत नियामक आयोग की नजर में कानून ही सर्वोपरि है।
नोएडा की सप्लाई सबसे अच्छी
नोएडा की सप्लाई सबसे अच्छी है। इसकी वजह से यहां निजी घराने सप्लाई का काम लेना चाहते हैं। यहां लाइन लॉस 10 फीसदी से भी है। ऐसे में मुनाफा रहता है। अब इसी मुनाफा को भुनाने के लिए निजी घराने यहां की सप्लाई लेना चाहते है।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा हम पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं प्रदेश के उपभोक्ता के हित में जो भी जरूरी होगा उसके तहत कार्रवाई की जाएगी।