सीकर में 298 साल बाद बदलेगा इतिहास, जानें, जलझूलनी एकादशी में कौन सा हो रहा है खास आयोजन

सीकर में 298 साल बाद बदलेगा इतिहास, जानें, जलझूलनी एकादशी में कौन सा हो रहा है खास आयोजन

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ 

सीकर। राजस्थान के सीकर शहर में मंगलवार को 298 साल का इतिहास बदलने वाला है।  जलझूलनी एकादशी पर शहर के सभी मंदिरों के भगवान आज एक साथ जल विहार करेंगे।

जो अब तक के इतिहास में अब तक कभी नहीं हुआ। नगर अराध्य गोपानीथ मंदिर के 298 साल पहले हुए निर्माण से ही शहर के सभी मंदिरों के ठाकुरजी जल विहार के लिए अलग अलग ही जाते रहे हैं।

लेकिन, इस बार पहली बार सभी मंदिरों के ठाकुरजी सामूहिक भ्रमण के लिए निकलेंगे। इसे लेकर शहर के सभी प्रमुख मंदिरों के महंतों व पुजारियों की सोमवार को बैठक हुई। जिसमें सर्व सम्मति से सामूहिक विहार का फैसला लिया गया।

सुभाष चौक से सवा पांच बजे निकलेगी शोभायात्रा

गोपानीथ मंदिर के महंत सुरेन्द्र गोस्वामी के अनुसार जलझूलनी एकादशी पर सभी मंदिरों के ठाकुरजी सुभाष चौक से सामूहिक जल विहार के लिए निकलेंगे। इसके लिए सभी मंदिरों की शोभायात्रा सवा पांच बजे गोपीनाथजी के मंदिर के पास पहुंचेगी। जहां से सभी मंदिरों के ठाकुरजी एक साथ नगर भ्रमण करते हुए जल विहार के लिए रवाना होंगे।

नानी गेट से निकलेगी यात्रा, होगा सामूहिक स्नान व अभिषेक

नगर भ्रमण के लिए पहले सभी मंदिरों की शोभायात्रा पहले गोपीनाथ मंदिर पहुंचेगी। इसके बाद शाही लवाजमे के बीच नानी गेट तथा सालासर बस स्टैंड होते हुए सालासर रोड स्थित नेहरु पार्क पहुंचेगी।

जहां जल विहार के साथ सभी मंदिरों के भगवान का सामूहिक स्नान, अभिषेक व आरती होगी। प्रसाद वितरण के बाद ठाकुर जी फिर से अपने मंदिर को लौट जाएंगे।

298 साल में पहली बार

जलझूलनी एकादशी पर सीकर में सामूहिक शोभायात्रा से 298 साल का इतिहास बदलेगा। इतिहासकार महावीर पुरोहित के अनुसार शहर में बंगाल से पहुंची गोपीनाथ राजा की मूर्ति को 298 साल पहले सुभाष चौक स्थित गढ़ के सामने नगर सेठ के रूप में मंदिर में प्रतिष्ठित किया गया था।

तभी से जलझूलनी एकादशी पर ठाकुरजी के जलविहार की परंपरा शुरू हुई थी। जिसमें सभी मंदिरों से अलग अलग शेाभायात्राएं निकाली जाती थी। पर आज पहली बार सामूहिक यात्रा से इतिहास बदलने वाला है।

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