ज्ञानवापी-मां शृंगार गौरी केस : मुस्लिम महिलाओं ने कोर्ट के फैसले पर जताई खुशी 

मुस्लिम महिलाओं ने कोर्ट के फैसले पर जताई खुशी:ज्ञानवापी-मां शृंगार गौरी केस की सुनवाई होने के आदेश पर उतारी भगवान शिव की आरती

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

वाराणसी । जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया है कि ज्ञानवापी-मां शृंगार गौरी का मुकदमा सुनवाई के योग्य है। अदालत के इस आदेश की जानकारी पाकर लमही स्थित सुभाष भवन में मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाओं ने भगवान शिव की आरती उतारी। इसके बाद बैंड-बाजे की धुन पर सभी ने थिरक कर जश्न मनाया।

मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि वह बार-बार मुसलमानों से अपील कर रही हैं कि जिसका जो हक है उसे वो खुद सौंप दें। तभी इस्लाम की इज्जत बढ़ेगी।

मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि वह बार-बार मुसलमानों से अपील कर रही हैं कि जिसका जो हक है उसे वो खुद सौंप दें। तभी इस्लाम की इज्जत बढ़ेगी।

जिसका जो हक है उसे खुद सौंप दें

नाजनीन अंसारी ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं ज्ञानवापी मामले में शुरू से ही सच के साथ हैं और औरंगजेब के कलंक से काशी विश्वनाथ मंदिर को मुक्त कराना चाहती हैं। बार-बार मुसलमानों से अपील कर रही हैं कि जिसका जो हक है उसे वो खुद सौंप दें, तभी इस्लाम की इज्जत बढ़ेगी। मुस्लिम महिलाएं किसी कीमत पर नफरत नहीं फैलने देंगी।

काशी की गंगा-जमुनी तहजीब को बर्बाद नहीं होने देंगी। नाजनीन अंसारी ने कहा कि जब हमारे पूर्वज हिंदू थे तो वो तो आदि विश्वेश्वर की पूजा करते ही थे। आदि विश्वेश्वर पर कोई मुगल आक्रांता औरंगजेब कब्जा कैसे कर सकता है।

मुगलों के पाप और कलंक को कोई मुसलमान न ढोए। मंदिर तोड़ा गया, इसके हजारों सबूत हैं। हिंदू पक्ष दुनिया की महान सहिष्णु कौम है, इसलिए अपने सबसे पवित्र स्थान को औरंगजेब के पाप से मुक्ति के लिए अदालत का सहारा ले रहा है। हम सभी अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं।

विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि मासिर-ए-आलमगीरी में स्पष्ट रूप से साकी मुस्तईद खान ने औरंगजेब के मंदिर तोड़ने की बात लिखी है।

विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि मासिर-ए-आलमगीरी में स्पष्ट रूप से साकी मुस्तईद खान ने औरंगजेब के मंदिर तोड़ने की बात लिखी है।

औरंगजेब के मंदिर तोड़ने की बात लिखी है

सुभाषवादी नेता नजमा परवीन ने कहा कि सारे मुसलमान पैगंबर के बताए रास्ते पर चलकर हक की बात करें और शांति का रास्ता अपनाएं। अदालत के हुक्म की तामील करें। इस अवसर पर इतिहासकार और विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि मासिर-ए-आलमगीरी में स्पष्ट रूप से साकी मुस्तईद खान ने औरंगजेब के मंदिर तोड़ने की बात लिखी है।

वर्ष 1710 में लिखी गई पुस्तक सबसे बड़ा प्रमाण है। मुस्लिम पक्ष को अपना दावा छोड़ देना चाहिए। भारत के किसी मुसलमान को मंगोलों का पक्ष नहीं लेना चाहिए, क्योंकि उन्होंने ही अंतिम खलीफा की हत्या की थी। आज का फैसला वर्षों पहले हुए अन्याय और अत्याचार के खिलाफ जीत की पहली सीढ़ी है।

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