फतेहपुर: रिटायर्ड मुस्लिम रेलकर्मी ने बदला धर्म, बनें अब्दुल जमील से श्रवण कुमार

फतेहपुर: रिटायर्ड मुस्लिम रेलकर्मी ने बदला धर्म, बनें अब्दुल जमील से श्रवण कुमार

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

फतेहपुर। यूपी के फतेहपुर जिले में एक रिटायर्ड मुस्लिम रेलकर्मी ने सनातन धर्म अपनाया है। बता दें कि मुस्लिम से हिंदू बनने वाले अब्दुल जमील के परिवार में पत्नी समेत तीन बेटियां और एक बेटा है।

उसकी एक बेटी इंजीनियर है तो दूसरी डॉक्टर है जबकि अब्दुल जमील की बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। वहीं, बेटा दिल्ली में पायलट का कोर्स कर रहा है।

बता दें कि धर्म परिवर्तन के बाद रिटायर्ड अब्दुल जमील जो 68 साल का है अब उसे श्रवण कुमार के नाम से जाना जाएगा। उनकी सनातन धर्म अपनाने की कोशिश काफी दिनों से चल रही थी।

जिसका काफी विरोध भी उन्हें झेलना पड़ा था। मगर अब हवन-पूजन के बाद वह हिंदू बन गए हैं जिसके बाद अब समाज के लोगों ने उनका फूलमाला पहनाकर स्वागत भी किया।

धर्म परिवर्तन करने के बाद अब्दुल जमील उर्फ श्रवण कुमार का कहना है कि, ”मैं कई दिनों से सोच रहा था कि हिंदू धर्म अपना लूं, आज हिंदू धर्म अपनाया है। इस धर्म को अपनाने के लिए मुझे काफी प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी है। 

बात को आगे बताते हुए उनका कहना है कि धर्म परिवर्तन करने का सबसे ज्यादा विरोध हमारे साले और सलहज ने किया, मगर पत्नी और बच्चों ने इसका विरोध नहीं किया है।

उन्होंने कहा है कि अगर आगे से कोई उसे ऐसी दिक्कत आती है, तो इसकी शिकायत अधिकारियों से करेंगे।

धर्म परिवर्तन करने वाले अब्दुल जमील प्रदेश के हाथरस जिले के साईदा बाग के रहने वाले है। नौकरी के सिलसिले में उन्हें फतेहपुर आना पड़ा और उसकी शादी भी शहर के देवीगंज मोहल्ले में हो गई।

उन्होंने रेलवे में मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक के पद पर 20 साल नौकरी की। जिसके बाद उनका ट्रांसफर शिकोहाबाद हो गया, जहां वह 18 साल की नौकरी के बाद वह रिटायर हो गए।

उनका कहना है कि अपने मुस्लिम धर्म के क्रियाकलापों से आजिज आकर उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया और अब उन्हें मन की शांति मिली है।

धर्म परिवर्तन को लेकर अब्दुल जमील ने यह भी कहा कि काफी दिनों से वह अपने घर पर श्रीराम चंद्र जी की तस्वीर रखे हुए थे। मगर घर पर मौजूद साले और सलहज पूजा-पाठ को लेकर उनका विरोध भी करते थे, लेकिन वह नहीं माने और रोज राम भगवान की पूजा करने लगे। यही नहीं, हिंदू धर्म के सभी धार्मिक कार्यक्रमों में उनकी सहभागिता हमेशा रहती थी।

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