यूपी के 10 गांवों में कुंवारे बैठे हैं लड़के, शादी के बाद मायके वापस जा रही महिलाएं, जानिए क्या है पूरा मामला

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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

हरदोई। अक्सर मक्खियों की वजह से तमाम बिमारियां फैलती है, यह सब हर कोई जानता है लेकिन क्या कभी सुना है कि मक्खियों की वजह से शादियां टूट रही हैं। इतना ही नहीं नए रिश्ते भी नहीं आ रहे है।

यह बात काफी हैरान करने वाली है लेकिन सच यहीं है। दरअसल उत्तर प्रदेश के जिले हरदोई में दस गांव के लोग मक्खियों से परेशान हैं। हाल यह है कि जिनकी शादी हो गई हैं उनकी पत्नियां मायके लौट रही हैं तो वहीं शादी योग्य हो चुके लड़कों के लिए नए रिश्ते भी नहीं आ रहे हैं। मक्खियों के आतंक से परेशान ग्रामीणों के साथ किसान यूनियन के नेता अब अनशन पर बैठे हैं।

शहर के इन गांवों में है मक्खियों का प्रकोप

शहर के अहिरोरी ब्लॉक के दस गांव के लोग मक्खियों के प्रकोप को झेल रहे हैं जबकि शासन-प्रशासन लाचार है। मक्खियों की वजह से हर किसी के रिश्ते पर तलवार लटक रही है।

कई बहुएं मायके लौट गई जबकि कई लड़कों की शादियां नहीं हो पा रही है। इसका कारण सिर्फ इतना है कि गांव में मक्खियों की संख्या बहुत ज्यादा है कि बैठना, उठना, खाना-पीना भी मुश्किल हो गया है।

थाना बेनीगंज और ब्लॉक अहिरोरी में आने वाले 10 गांव बढ़ियइन पुरवा, कुईया, पट्टी, देवरिया, डही, सलेमपुर, फतेहपुर, झाल पुरवा, नया गांव और एकघरा ऐसे गांव हैं जहां मक्खियों का आतंक है। इनमें से सबसे ज्यादा आतंक बढ़ियइन पुरवा में हैं।

साल 2014 तक नहीं थी ऐसी समस्या

ऐसा बताया जा रहा है कि साल 2014 से पहले यहां सब कुछ ठीक था। सपा सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कर कमलों द्वारा एक पोल्ट्री फार्म मेन रोड पर खुला।

उसके बाद से गांव में मक्खियों का प्रकोप बढ़ गया। ग्रामीण आवाज उठा रहे हैं कि वहां की गंदगी की वजह से मक्खियों ने आसपास के कई गांवों में जीना हराम कर रखा है। इस मामले को लेकर किसान यूनियन ने कई बार धरना प्रदर्शन किया।

इतना ही नहीं कई बार प्रशासन ने उनको सांत्वना दी मगर हाल वही है जैसे पहले थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता व स्वास्थ्य मिशन इन गांवों में पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है।

मक्खियों की वजह से कौन करेगा बेटी का रिश्ता

शहर के बढ़ियइन पुरवा गांव में मक्खियां लगातार अपना आतंक फैलाए है। इस गांव में काफी सफाई तो दिखी लेकिन हर घर मरीज भी दिखे। यहां के बच्चों का कहना है कि उनकी पढ़ाई लिखाई के साथ खाना, सोना सब बहुत मुश्किल है।

गांव के अधेड़ियों का कहना है कि जब रिश्ते के लिए कोई यहां आता है तो उनके मक्खियां इतनी चिपक जाती है कि वह रिश्ते की बात तो दूर कुछ खाता पीता भी नहीं है और यह कह कर चला जाता है कि तुम्हारे गांव में कौन रहेगा। वहीं महिलाओं का कहना है कि उनके बेटों की शादी के रिश्ते नहीं आते। इसके अलावा जिनकी पहले से शादी हो चुकी है वह बहुएं अपने मायके जा रही। 

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