योगी सरकार का बड़ा एक्शन : 18 सौ शत्रु संपत्तियों से हटेगा अवैध कब्जा , प्रमुख सचिव स्तर का नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा

Preparations for setting up of Nagar Panchayats in villages with population of more than 20 thousand in the state, Yogi government sought proposals from the district magistrates
माफिया पर चाबुक चलाने के बाद योगी सरकार अब शत्रु संपत्तियों पर अवैध कब्जा करके बैठे लोगों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने जा रही है। प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा जब इन संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रमुख सचिव स्तर का नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। प्रदेश में मौजूद कुल 5936 शत्रु संपत्तियों में से 1826 पर अवैध कब्जेदार कब्जा करके बैठे हैं।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

लखनऊ। माफिया पर चाबुक चलाने के बाद योगी सरकार अब शत्रु संपत्तियों पर अवैध कब्जा करके बैठे लोगों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने जा रही है। प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा जब इन संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रमुख सचिव स्तर का नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। प्रदेश में मौजूद कुल 5936 शत्रु संपत्तियों में से 1826 पर अवैध कब्जेदार कब्जा करके बैठे हैं। एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

उत्तर प्रदेश में हजारों करोड़ रुपए की ऐसी संपत्तियां जिनसे प्रदेश सरकार को अरबों रुपए का राजस्व मिल सकता था, उनको मुक्त कराने के लिए पहले की सरकारों ने कुछ नहीं किया। सीएम योगी ने इन बेशकीमती संपत्तियों के महत्व को समझते हुए और प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने के लिए ऐसे अवैध कब्जा हटाने का फैसला किया है।

उत्तर प्रदेश में हैं देश की सबसे ज्यादा शत्रु संपत्तियां
उत्तर प्रदेश भूलेख की वेबसाइट (upbhulekh.gov.in) को देखें तो 1467 शत्रु संपत्तियों पर माफिया और अवैध कब्जेदारों ने कब्जा कर रखा है, जबकि 369 पर सहकब्जेदारों का कब्जा है। वहीं 424 संपत्तियों पर कांग्रेस, जनता पार्टी, बसपा और सपा सरकारों के कार्यकाल में मामूली दरों पर किराये पर दिए गए किरायेदार काबिज है। इस तरह प्रदेश में मौजूद 2250 शत्रु संपत्तियों पर किसी न किसी का कब्जा है। शत्रु संपत्तियों पर सबसे ज्यादा अवैध कब्जा शामली जिले में है। वहीं सहकब्जेदारों द्वारा कब्जा करने के मामले में लखनऊ पहले स्थान पर है। साथ ही लखनऊ में किरायेदारों के कब्जे में भी सबसे ज्यादा संपत्तियां हैं।

किरायेदारों की संपत्तियों का दोबारा होगा मूल्यांकन
सरकार किराए पर दी गई संपत्तियों का दोबारा मूल्यांकन भी कराने जा रही है। इन पर दशकों से काबिज किराएदार अभी तक मामूली किराया देते रहे हैं। इसको देखते हुए शत्रु संपत्तियों का बाजार दर के हिसाब से आंकलन किया जाएगा। उसके बाद फिर से सर्किल रेट के हिसाब से किराए की दरें तय की जाएंगी।

क्या है शत्रु संपत्ति?
भारत विभाजन के बाद बहुत सारे लोग अपनी संपत्ति हिन्दुस्तान में छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे, उनकी संपत्ति सहित 1962 के भारत-चीन और 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद भारत सरकार ने इन देशों के नागरिकों की संपत्तियों को सीज कर दिया। इन्हीं सम्पत्तियों को शत्रु संपत्ति कहा जाता है।

अवैध कब्जे के मामले टॉप तीन जिले
जिला शत्रु संपत्ति अवैध कब्जा
शामली 482 268
कौशांबी 456 197
सीतापुर 378 111

किराएदारों के कब्जे के मामले में टॉप तीन जिले
जिला शत्रु संपत्ति किराएदार
लखनऊ 361 105
मुजफ्फरनगर 274 85
बदायूं 250 65

सह खातेदारों द्वारा कब्जे के मामले ये तीन जिले आगे
जिला शत्रु संपत्ति सह खातेदार
लखनऊ 361 57
जौनपुर 57 40
देवरिया 51 36

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