GST चोरी के खिलाफ छापेमारी पर लगी रोक, व्यापारियों की नाराजगी और विरोध के बाद लिया गया फैसला

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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कई जिलों मे राज्यकर विभाग द्वारा चलाये जा रहे जीएसटी चोरी के खिलाफ अभियान पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि इस जीएसटी चोरी के खिलाफ अभियान पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगाई गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, व्यापारियों के आक्रोश को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। बाजारों में जीएसटी टीम का विरोध बड़े पैमाने पर होने लगा था।

वहीं लखनऊ व्यापार मंडल की बैठक में फैसला लिया गया था कि छापेमारी के खिलाफ पर्चे छापे जाएंगे। इसके अलावा उप्र आर्दश व्यापार मंडल ने भी जीएसटी छापे को गलत बताया।

सड़कों पर उतर आए व्यापारी

बता दें कि नाराज व्यापारियों ने छापेमारी के खिलाफ प्रदर्शन शुरूकर दिया। इसके अलावा आक्रोशित व्यापारियों ने सड़क पर उतर कर विरोध करना शुरू कर दिया था।

बता दें कि जीएसटी चोरी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के खिलाफ न सिर्फ लखनऊ बल्कि चित्रकूट, कन्नौज, गोरखपुर और बस्ती में भी व्यापारी सड़कों पर उतर आए थे।

छापेमारी बंद न होने की स्थिति में व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन बंदी की चेतावनी दी थी। जिसके बाद जीएसटी चोरी के खिलाफ अभियान अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी गई।

71 जिलों में की जा रही थी छापेमारी

बताया जा रहा है कि बीते रविवार को 208 करोड़ रूपए की टैक्स चोरी पकड़ी गई थी। वहीं जीएसटी चोरी के खिलाफ अभियान राज्यकर आयुक्त मिनिस्ती एस. के निर्देश पर चलाया जा रहा था। इस अभियान के छठवें दिन यूपी के 71 जिलों मे कई कारोबारियों के यहां छापेमारी की गई।

इसके बाद कारोबारियों के लेन-देन की जांच की गई। 248 टीमों द्वारा एक साथ की गई कार्रवाई में बड़े पैमाने पर कर चोरी पकड़ी जा रही थी। वहीं इसके पहले रविवार को कई व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भी छापेमारी की कार्रवाई की गई। 180 से अधिक व्यापारियों के यहां छापा डाल कर जांच-पड़ताल की गई। टीम ने तमाम व्यापारियों से 1.37 करोड़ रुपये जुर्माना भी जमा कराया। 

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