ज्ञानवापी में वजू के लिए 6 टब रखे जाएंगे:सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने कहा- पानी का इंतजाम करेंगे, 70 मीटर दूर मोबाइल टॉयलेट रहेगा

ज्ञानवापी में वजू के लिए 6 टब रखे जाएंगे

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

वाराणसी । ज्ञानवापी मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर के अंदर वजू स्थल और टॉयलेट की व्यवस्था कराने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए यूपी सरकार को ज्ञानवापी परिसर में 6 टब उपलब्ध कराने का आदेश दिया। कहा कि पानी की व्यवस्था करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट निगरानी करेंगे। यह व्यवस्था केवल ईद तक रहेगी। इसके बाद डीएम निरीक्षण करेंगे। बता दें कि वजूखाना 11 महीने से सील है।

मुस्लिम पक्ष ने इसको लेकर 6 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ में याचिका दायर की थी। जिसमें उनकी ओर से कहा गया था कि वजू के लिए पानी का इस्तेमाल ड्रम से किया जा रहा है। रमजान को देखते हुए नमाजियों की संख्या बढ़ गई है। इसलिए वजू स्थल और टॉयलेट की व्यवस्था कराई जाए।

14 अप्रैल को छुट्टी होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को मामले की सुनवाई की थी। कोर्ट ने वाराणसी के डीएम को निर्देश दिया था कि ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिम श्रद्धालुओं के वजू के लिए सही व्यवस्था कराने के लिए एक बैठक करें। डीएम ने बैठक कर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भेज दी थी।

लगाया जाएगा मोबाइल टॉयलेट
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने यूपी सरकार की तरफ से कहा कि वजू के लिए 6 टब दिए जाएंगे। CJI ने कहा कि हम आपके स्टेटमेंट को रिकॉर्ड कर रहे हैं। तुषार मेहता ने बेंच को बताया कि ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग जैसी संरचना से करीब 70 मीटर की दूरी बाहर मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था की जा रही है।

मुस्लिम पक्ष के वादी सैयद मोहम्मद यासीन ने कहा कि हमारी मांग थी कि वजूखाने के बगल में ही शौचालय की व्यवस्था कराई जाए। लेकिन कोर्ट ने 70 मीटर दूर मोबाइल टॉयलेट लगाने के आदेश दिए हैं। यह मस्जिद परिसर से भी काफी दूर हो जाएगा।

18 अप्रैल को DM ने की थी बैठक
डीएम एस. राजलिंगम ने 18 अप्रैल को ज्ञानवापी परिसर का निरीक्षण किया था। परिसर आने वाले नमाजियों के नमाज पढ़ने और वजू करने की वर्तमान व्यवस्था को भी देखा। फिर मुस्लिम पक्षकारों से बात की। बैठक में मुस्लिम पक्षकार अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के प्रमुख सैयद मोहम्मद यासीन ने कहा, "परिसर में नमाजियों को वजू करने के लिए स्थाई जगह नहीं है।

यहां आने वाले नमाजियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। गर्मी और धूप के बीच वजू के पानी के निकलने की भी उचित व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा, परिसर में टॉयलेट की भी व्यवस्था नहीं है।" डीएम एस. राजलिंगम ने सभी की बातों को सुनने के बाद रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भेज दी।

हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर के अंदर कुछ बदलाव करने से हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंची।

हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर के अंदर कुछ बदलाव करने से हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंची।

हिंदू पक्ष ने वजू के लिए निर्माण पर जताई आपत्ति

मुस्लिम पक्ष की इस मांग को लेकर हिंदू पक्ष के लोगों ने काफी विरोध जताया है। कहा है कि 11 महीने से वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में स्थित वजू खाने को उस समय वाराणसी के ही जिला जज की अदालत के आदेश पर सील कर दिया गया था। वहां पर कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।

हिंदू पक्ष के वादियों ने परिसर के अंदर वजू के लिए किसी प्रकार के नए निर्माण पर आपत्ति जताई है। वहीं, यह भी कहा है कि आदि विश्वेश्वर के परिसर में किसी तरह का टॉयलेट बनाना अनुचित है। यह मंदिर गरिमा के लिए सही नहीं है।

19 अप्रैल को हिन्दू पक्ष की ओर से एडीएम प्रोटोकॉल को दी गई लेटर की कॉपी।

19 अप्रैल को हिन्दू पक्ष की ओर से एडीएम प्रोटोकॉल को दी गई लेटर की कॉपी।

हिंदू आस्था को चोट पहुंचने का दिया हवाला
हिंदू पक्ष की ओर से वादी राखी सिंह के वकील शिवम गौर ने वाराणसी एडीएम प्रोटोकॉल को 19 अप्रैल को पत्र लिखा। जिसमें उनकी ओर से कहा गया कि इस अति संवेदनशील परिसर के अंदर किसी तरह का बदलाव या छेड़छाड़ सही नहीं है। वजू के लिए मोबाइल टॉयलेट और फाइबर टैंक की व्यवस्था परिसर से बाहर की जाए।

ज्ञानवापी के मुख्य परिसर से करीब 100-200 मीटर की दूरी पर ये इंतजाम कराए जाए। यहां पर शिवलिंग जैसी आकृति मिली है। टॉयलेट या वजू के लिए टंकी बनने से हिंदू आस्था को चोट पहुंच सकती है। किसी तरह का क्रियाकलाप न करके मंदिर की प्रतिष्ठा को बनाए रखें।

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