अयोध्या में रामनवमी पर 25 लाख श्रद्धालु आएंगे, 90 फ्लाइट-100 ट्रेनें चलेंगी

अयोध्या में रामनवमी पर 25 लाख श्रद्धालु आएंगे, 90 फ्लाइट-100 ट्रेनें चलेंगी

 Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

अयोध्या । रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी पर सबसे बड़ा आयोजन होने जा रहा है। 17 अप्रैल को दोपहर 12.16 बजे सूर्य की किरणों से रामलला का अभिषेक होगा। इस अद्भुत दृश्य को देखने और रामलला के दर्शन के लिए करीब 25 लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे।

श्रद्धालुओं को सुगम रास्तों से लाने से लेकर लोकल कन्वेंस और पार्किंग की पूरी तैयारियां की गई हैं। 16, 17, 18 अप्रैल इन तीन दिनों में अयोध्या में 90 फ्लाइट उतरेंगी, 100 ट्रेनें पहुंचेंगी और 500 बसें लगाई गई हैं। शहर को सुरक्षा के लिहाज से 7 जोन और 39 सेक्टर में बांटा गया है।

सबसे पहले बात हवाई यात्रा की: अयोध्या एयरपोर्ट चालू, 14 शहरों से सीधी फ्लाइट
महर्षि वाल्मीक इंटरनेशनल एयरपोर्ट को रामायण की थीम पर बनाया गया है। सबसे पहले यहां दिल्ली से फ्लाइट शुरू की गई थी। अब 14 शहरों से फ्लाइट यहां आ रही है। डेली 10 से 12 फ्लाइट एयरपोर्ट पर उतरती हैं। रोज 1 या 2 चार्टर्ड प्लेन से भी यात्री दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

एयरपोर्ट के MD विनोद कुमार के अनुसार, रामनवमी पर अगले 3 दिनों में अयोध्या 50 फ्लाइट और 40 चार्टर्ड विमान आएंगे। इनमें दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, पटना, जयपुर, हैदराबाद शामिल हैं। पैसेंजर्स के लिए एयरपोर्ट पर VIP लाउंज एंड वेटिंग एरिया, 9 चेक-इन काउंटर और 3 कन्वेयर बेल्ट बनाए गए हैं। टर्मिनल एरिया में दिव्यांगों के लिए अलग रैंप है। पैसेंजर्स यहां रेस्ट कर सकते हैं और लोकल कन्वेंस की सुविधा भी यहीं से मिलेगी।

एयरपोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, अगले 3 दिन में 4000 से ज्यादा यात्री प्लेन से अयोध्या पहुंचेंगे। रामनवमी स्पेशल ऑफर के तहत विमान कंपनियां रामनगरी आने वाली फ्लाइट्स की बुकिंग पर 2 हजार रुपए तक की छूट दे रही हैं।

अयोध्या एयरपोर्ट से रामलला कैसे पहुंचेंगे
अयोध्या एयरपोर्ट से रामलला की दूरी करीब 12 किलोमीटर है। यात्रियों को राम मंदिर तक जाने के लिए ऑनलाइन कैब, प्राइवेट टैक्सी, ऑटो और नगर निगम की ई-बसें उपलब्ध हैं। 30 से 45 मिनट में राम मंदिर तक पहुंच जाएंगे। यहां ऑनलाइन कैब और प्राइवेट टैक्सी का किराया 200 से 250 रुपए तक होगा।

ऑटो वाले 100 से 150 रुपए लेंगे। यह कैब आपको लता मंगेशकर चौक तक पहुंचाएगी। यदि आप ई-बस का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको 30 रुपए किराया देना होगा और यह आपको रामलला मंदिर के काफी करीब ड्रॉप करेगी।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या धाम आने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हर दिन औसतन 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर रहे हैं। रामनवमी पर सबसे अधिक यात्री ट्रेनों से ही आएंगे।

इसी को देखते हुए रेलवे ने अगले 3 दिनों में 100 से ज्यादा ट्रेनें चलाने की व्यवस्था की है। यात्रियों की संख्या बढ़ने पर 10 ट्रेनों को रिजर्व रखा गया है। लखनऊ, वाराणसी और प्रयागराज के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। ये ट्रेनें 20 अप्रैल तक चलेंगी।

इसके अलावा दिल्ली, अहमदाबाद, जयपुर, पटना से सीधे ट्रेनें चलाई जा रही हैं। सामान्य दिनों में यहां 22 ट्रेनों का ठहराव है। मगर, रामनवमी को लेकर 10 से ज्यादा ट्रेनों की संख्या बढ़ाई गई है।

अयोध्या में 4 रेलवे स्टेशन से पहुंचेंगे रामलला के पास
अयोध्या में 4 रेलवे स्टेशन हैं। अयोध्या धाम, अयोध्या कैंट, दर्शन नगर और रामघाट हाल्ट। इन स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव है। इन रेलवे स्टेशन से रामलला की दूरी 10 किमी. से लेकर डेढ़ किमी तक है। यहां से ई-रिक्शा, ऑटो, ई-कार और ई-बस की सुविधा है।

अयोध्या कैंट और दर्शन नगर उतरने वाले यात्रियों को करीब 10 किलोमीटर का सफर तय करना होगा। अयोध्या कैंट से श्रद्धालु ई-रिक्शा, ऑटो से राम नगरी आएंगे। यहां से न्यूनतम किराया 30 रुपए है। ऑटो बुक करके जाएंगे तो 100 रुपए तक चार्ज लिया जाएगा।

रामनवमी मेले की तैयारी में उत्तर प्रदेश रोडवेज भी पीछे नहीं है। श्रद्धालुओं की अनुमानित भीड़ को देखते हुए परिवहन विभाग ने अतिरिक्त 200 "मेला स्पेशल बसों" का संचालन शुरू कर दिया है। अयोध्या के एआरएम विमल राजन ने बताया कि लखनऊ समेत अयोध्या परिक्षेत्र के विभिन्न डिपो से ये बसें चलाई जा रही हैं।

इसके लिए रूट का निर्धारण कर दिया गया है। लखनऊ, गोरखपुर, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अमेठी, अंबेडकरनगर, बस्ती, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच से मेला स्पेशल बसें चल रही हैं। आम दिनों में प्रदेशभर से 300 बसें अयोध्या होकर गुजरती हैं।

100 से ज्यादा बसों के फेरे अयोध्या के लिए बढ़ा दिए गए हैं। दिल्ली से भी सीधी बस चलाई जा रही है। इनमें एसी जनरथ बसें भी शामिल हैं। कुल 600 बसें श्रद्धालुओं को लाने के लिए प्रदेश भर से अयोध्या आएंगी।

नया बस अड्‌डा और बाईपास पर उतरेंगे यात्री
प्रदेश भर से आने वाली इन 600 बसों को खड़ा करने के लिए तीन स्थानों का चयन किया गया है। लखनऊ हाईवे पर साकेत पेट्रोल पंप के पास खाली पड़े मैदान में, नया बस अड्डा और बाईपास पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। 16 से 18 अप्रैल तक साकेत पंप के पास अस्थाई पार्किंग स्थल रहेगा। यहां से यात्री ई-रिक्शा, ई-बस और ऑटो से रामलला के दर्शन करने जा सकेंगे।

रामनवमी पर अयोध्या में प्रदेश भर से एक लाख से ज्यादा निजी वाहन पहुंचने का अनुमान है। जिला प्रशासन ने एक साथ एक समय पर 10 हजार से ज्यादा वाहन खड़े करने के इंतजाम किए हैं। इसके लिए अलग-अलग इलाकों में 35 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। प्रशासन का मानना है कि एक साथ एक समय पर करीब दस हजार वाहन ही खड़े होंगे बाकी मूविंग में होंगे इसके लिए ट्रैफिक का पूरा इंतजाम किया गया है।

5 हजार छोटे-बड़े होटल में ठहरने के इंतजाम, धर्मशाला भी उपलब्ध
हवाई, ट्रेन या बस जिस भी साधन से आप अयोध्या पहुंचेंगे यहां ठहरने के भी अच्छे इंतजाम किए गए हैं। राम नगरी में 5000 से ज्यादा होटल, धर्मशालाएं और होम स्टे उपलब्ध हैं। इनका किराया 500 से लेकर 20 हजार तक है। अयोध्या परिक्षेत्र में 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पर बड़े होटल बने हैं। यहां 2 हजार से लेकर 20 हजार तक के कमरे उपलब्ध हैं।

एक प्रसिद्ध होटल के मैनेजर अंशुल सिंह बताते हैं कि यहां डीलक्स रूम 9000 से शुरू होकर 20 हजार रुपए तक है। सुइट्स के चार्ज टैरिफ के अनुसार तय होते हैं। यहां आप ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकते हैं। इसके अलावा मंदिर के नजदीक धर्मशालाएं और होम स्टे हैं, जिनका किराया कम हैं। इसके अलावा प्रशासन ने टेंट लगाकर आम श्रद्धालुओं के फ्री में रुकने के इंतजाम भी किए हैं।

साथ ही 100 से ज्यादा बड़े मंदिरों में रामलला ट्रस्ट की ओर से भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। इस्कॉन ट्रस्ट की ओर से भी कई जगहों पर भंडारे का आयोजन होगा। प्रशासन और ट्रस्ट ऐसी व्यवस्था कर रहा है कि कोई भी श्रद्धालु भूखा नहीं रहेगा।

अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था चुस्त दुरुस्त

अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था चुस्त दुरुस्त की गई है। सरयू घाट से लेकर राम मंदिर तक 2000 से ज्यादा पुलिस और PAC के जवान मुस्तैदी से तैनात रहेंगे। रामपथ, भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ पर बैरियर के माध्यम से भीड़ को नियंत्रित किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक नगर मधुबन सिंह ने बताया कि मेला क्षेत्र को 7 जोन और 39 सेक्टर में विभाजित किया गया है।

घाट को सुरक्षित करने के लिए जल पुलिस, NDRF, SDRF और बाढ़ राहत की दो PAC कंपनी को भी लगाया गया है। मेला क्षेत्र को लेकर 11 अपर पुलिस अधीक्षक, 150 इंस्पेक्टर, 400 सब इंस्पेक्टर और 1100 कॉन्स्टेबल बाहर से आए हैं।

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