शताब्दी वर्ष में प्रदर्शित हुई 200 कलाकृतियां:पवन पुत्र के विभिन्न चित्रों को देख भावविभोर हुए भक्त, 200 चित्रकारों ने बनाई पेंटिंग

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
वाराणसी । संकट मोचन मंदिर में एक तरफ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का कुंभ लगा है तो वहीं दूसरी तरफ कला दीर्घा इस वर्ष भव्य और दिव्य दिखाई दे रही है। इस कला दीर्घा में हनुमान जी महराज के बाल काल से लेकर संपूर्ण लीलाओं पर विभिन्न 200 पेंटिंग सजाई गई हैं। यह कला दीर्घा बीएचयू के न्यूरोलॉजिस्ट प्रोफेसर विजयनाथ मिश्र के निर्देशन और महंत प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्र के संरक्षण में लगी है।
200 से अधिक चित्रकारों ने तैयार की पेंटिंग
इस कला दीर्घा में देश और विदेश के कुल 200 से अधिक चित्रकारों ने अपने अपने कलाकृति को प्रदर्शित किया है। जिसमें पवन पुत्र हनुमान के बाल स्वरूप से लेकर रौद्र रूप को दर्शाया गया है। यह सभी पेंटिंग कुचियों के माध्यम से कैनवास पर उकेरा गई हैं। इस कला प्रदर्शनी में चित्रकला, मूर्ति कला और छायाचित्र का संगम है।
रामनगर की रामलीला की लगाई गई 50 छायाचित्र
इस कला दीर्घा में श्री रामलीला रामनगर विशेष गैलरी है, जिसमें विश्वप्रसिद्ध रामनगर रामलीला से जुड़ी 50 छायाचित्र लगाई गई है, जो बलराम यादव और अरविंद अरुण मिश्रा की खींची गई है। अनील शर्मा ने बताया कि शताब्दी वर्ष में पवन पुत्र के मंदिर में सेवा करने का मौका मिला है। तीन स्कैचर, राम लीला, हनुमान के बाल रूप से विभिन्न रूपों को दिखाया गया है। इसके अलावा यहां पर सफेद पर्दे पर राम नाम की एक श्रृंखला संगीत समारोह में आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा कलर के माध्यम से बनाई जा रही।
इस कला दीर्घा को प्रदर्शित कराने में छह वर्षों के बाद बहरीन से लौटे ख्यात कलाकार अनिल शर्मा के अलावा सौरभ कुमार, सुमित श्रीवास्तवा, राहुल सिंह, प्रवीण पटेल, प्रियंका जायसवाल, अंकिता, अर्जुन, इंद्रपाल, योगेश, मानती शर्मा, पद्मिनी मेहता, सुनील विश्वकर्मा और राजेश कुमार की मुख्य भूमिका रही।