बांके बिहारी के 2 लाख भक्तों ने किए चरण दर्शन:साल में सिर्फ एक बार होते हैं
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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
मथुरा । वृंदावन में अक्षय तृतीया पर आज बांके बिहारी में श्रद्धालुओं की भीड़ है। बांके बिहारी को सुबह चंदन का लेप लगाया गया। फिर श्रृंगार हुआ। साल में केवल आज ही के दिन भगवान बांके बिहारी के सभी अंगों पर चंदन लगाया जाता है। भक्तों को उनके चरण दर्शन भी कराए जाते हैं। चरण दर्शन भी साल में सिर्फ आज ही के दिन कराए जाते हैं।
शुक्रवार को बांके बिहारी मंदिर के पट सुबह 5 बजे खुले। सबसे पहले मंदिर के पुजारी अंदर गए। देहरी पूजन किया। गर्भगृह में पहुंचकर भगवान का अभिषेक किया और फिर चंदन का लेपन कर श्रृंगार किया। आम भक्तों के लिए मंदिर के पट सुबह 7 बजे खोल दिए गए।
(श्री कृष्ण का शाम को अक्षय तृतीया के अवसर पर चंदन से श्रृंगार किया गया।)
सुबह 10 बजे तक 2 लाख से ज्यादा भक्त दर्शन कर चुके हैं। मंदिर के गेट नंबर-2 और 3 से भक्तों को एंट्री दी जा रही है। गेट नंबर-2 पर एक किमी लंबी लाइन लगी है। प्रशासन को शाम तक 10 लाख भक्तों के पहुंचने का अनुमान है। 12 से 4 बजे तक मंदिर बंद रहेगा।
आज भगवान बांके बिहारी को पैरों में पायजेब और लटकनदार हार धारण कराया गया है। शाम के समय सर्वांग दर्शन होंगे। यानी भगवान के पूरे शरीर के। भगवान के शरीर पर चंदन का लेप होगा और वह धोती पहने हुए होंगे।
अक्षय तृतीया पर बांके बिहारी जी पैरों में पायजेब और लटकनदार हार पहने हैं। चरणों में चंदन का लड्डू रखा है। भगवान की फोटो क्लिक करना मना है। ये तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है।
आज 200 किलो चंदन का लेप लगाया जाएगा
मंदिर के सेवायत आचार्य प्रह्लाद वल्लभ गोस्वामी ने बताया- चंदन खासतौर पर बेंगलुरु से मंगवाया गया है। चंदन के आधा-आधा किलो के 4 लड्डू सुबह, दोपहर, शाम बांके बिहारी के चरण में रखे जाते हैं। पूरे दिन भक्तों के जरिए 200 किलो चंदन चढ़ाए जाने का अनुमान है।
मैसूर से चंदन की जो लकड़ी मंगाई गई। इसे एक महीने तक पानी में भिगो कर रखा गया। इसकी घिसाई शुरू हुई। मंदिर के गोस्वामियों ने 15 दिन तक रोज 6 से 8 घंटे तक इसकी घिसाई की। इसमें 1 किलो केसर, गुलाब जल और कपूर भी मिलाया गया।
साल में एक बार चरण दर्शन के साथ बांके बिहारी पायजेब धारण करते हैं। विवाह योग्य युवतियों के बांके बिहारी को पायजेब अर्पित करने की परंपरा है।
द्वारिकाधीश को भी चंदन का लेप लगाया गया
पुष्टिमार्ग संप्रदाय के मंदिर ठाकुर द्वारिकाधीश मंदिर में आज अक्षय तृतीया का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। सुबह से ही सभी झांकियों में विशेष दर्शन हुए और आज के दिन ठाकुर जी को चंदन लगाया गया। मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि आज ही के दिन भगवान श्री कृष्ण का मुंडन हुआ था और मुंडन के तुरंत बाद भगवान गाय चराने के लिए वन में चले गए। इसके कारण भगवान को अत्यंत गर्मी का एहसास हुआ। वहां मौजूद गोपियों द्वारा भगवान कृष्ण का बट वृक्ष के नीचे चंदन का लेप किया गया। बढ़िया शर्बत पिलाया गया और पंखे से हवा की गई थी। इसलिए आज हाथ का पंखा, सतुआ, खरबूजा इत्यादि दान किया जा रहा है।
आगे कुछ तस्वीरें देखिए-
अक्षय तृतीया पर भगवान राधारमण जी के चरण दर्शन।
आज खास मौके पर बांके बिहारी जी का आशीर्वाद लेने के लिए देश-विदेश से भक्त पहुंचे हैं।
बांके बिहारी जी का आंगन भक्तों से पूरा भरा है।
मुख्य गेट पर श्रद्धालुओं की भीड़ का दबाव न हो, इसके लिए प्रशासन रस्सी लगाकर भक्तों को रोक रही और सीमित संख्या में दर्शन के एक साथ छोड़ रही।
मंदिर के गोस्वामी मयंक ने बताया कि चंदन को करीब एक महीने तक पानी में भिगो कर रखे थे।