काशी में 1 करोड़ शिवलिंग की पूजा...बनेगा विश्व रिकार्ड:10 हजार लोगों ने 5 महीने में बनाया; देश में पहला महाआयोजन

काशी में 1 करोड़ शिवलिंग की पूजा...बनेगा विश्व रिकार्ड:10 हजार लोगों ने 5 महीने में बनाया; देश में पहला महाआयोजन
काशी में हर साल सवा लाख पार्थिव शिवलिंगार्चन होता है। लेकिन पहली बार काशी में सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंगार्चन किया जा रहा है। विजयानंदनाद गुरु सेवा समिति चैरिटेबल ट्रस्ट (तेलंगाना) के बैनर तले महानुष्ठान में दक्षिण भारत से आए 500 वैदिक ब्राह्मण और विद्वान शामिल हैं। कांची पीठ के शंकरायाचार्य जगतगुरु विजयेंद्र सरस्वती स्वामी, 9 पीठाधीश्वर के निर्देशन में करीब 20 हजार श्रद्धालु साक्षी हैं।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

वाराणसी । एक विश्व रिकार्ड बनने जा रहा है। शिवाला घाट के चेतसिंह किले में 9 दिवसीय अनुष्ठान में एक करोड़ एक लाख पार्थिव शिवलिंग की पूजा की जा रही है। दक्षिण भारत के 500 वैदिक ब्राह्मण और विद्वान शिवलिंग का 16 तरीके से विधिवत पूजा और अभिषेक कर रहे हैं।

देश में पहली बार सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंगार्चन (शिवलिंग की पूजा अर्चना) का विश्व रिकार्ड बनने जा रहा है। इसके लिए 26 नवंबर को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम वाराणसी आएगी।

चेतसिंह किले में पार्थिव शिवलिंगार्चन के दौरान स्थापित द्वादश ज्योतिलिंग के प्रत्येक मंदिर पर अलग-अलग पुरोहित अभिषेक करा रहे हैं।

चेतसिंह किले में पार्थिव शिवलिंगार्चन के दौरान स्थापित द्वादश ज्योतिलिंग के प्रत्येक मंदिर पर अलग-अलग पुरोहित अभिषेक करा रहे हैं।

काशी में हर साल सवा लाख पार्थिव शिवलिंगार्चन होता है। लेकिन पहली बार काशी में सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंगार्चन किया जा रहा है। विजयानंदनाद गुरु सेवा समिति चैरिटेबल ट्रस्ट (तेलंगाना) के बैनर तले महानुष्ठान में दक्षिण भारत से आए 500 वैदिक ब्राह्मण और विद्वान शामिल हैं। कांची पीठ के शंकरायाचार्य जगतगुरु विजयेंद्र सरस्वती स्वामी, 9 पीठाधीश्वर के निर्देशन में करीब 20 हजार श्रद्धालु साक्षी हैं।

परिसर में एक करोड़ सवा लाख शिवलिंग को स्थापित किया गया है। इसके अलावा 12 ज्योर्तिलिंग मंदिर स्वरुप में अलग बनाए गए हैं। स्थानीय प्रसिद्ध शिवस्थलों को भी पंडाल में स्थान दिया गया है। कार्तिक मास का दक्षिण भारत में भी विशेष महत्व है। इस अनुष्ठान में शामिल होने से अनंत फल की प्राप्ति होती है।

चेतसिंह किले के पंडाल में प्रतिदिन पूजन और अभिषेक किया जा रहा है। पार्थिव शिवलिंगार्चन के दौरान विविध अनुष्ठान के बीच बेलपत्र, दूब व गंगाजल सहित अन्य सामग्री समेत हवन और महाआरती भी अनवरत है। शनिवार को नवरत्न, नवधान्य और बाणलिंग का भी पूजन किया गया।

शिवाला घाट स्थित चेतसिंह किले में 9 दिवसीय अनुष्ठान में एक करोड़ पार्थिव शिवलिंगार्चन करतीं हैदराबाद की महिलाएं।

शिवाला घाट स्थित चेतसिंह किले में 9 दिवसीय अनुष्ठान में एक करोड़ पार्थिव शिवलिंगार्चन करतीं हैदराबाद की महिलाएं।

कृष्ण कौंडिन्य शर्मा के आचार्यत्व में वैदिक विद्वानों ने पार्थिव शिवलिंगों का पूजन हुआ। ब्रह्मश्री साम्वेद शर्मा का शिवतत्व पर प्रवचन दिया। हैदराबाद से आए पांच हजार श्रद्धालु पार्थिव शिवलिंगार्चन की परिक्रमा और पूजा अर्चना में प्रतिदिन जुटे हैं।

पूजन में आदिनाथ संप्रदाय के पीठाधीश्वर कल्कि महाराज, काशी तेलुगू समिति के संस्थापक बीवी सुंदर शास्त्री, शैलेंद्र सिंह, लक्ष्मी के अलावा संचालन चक्रवर्ती विजय नावड़ शामिल हैं।

58 केंद्रों पर 5 महीने में बनाए एक करोड़ शिवलिंग
विजयानंदनधा गुरु सेवा समिति के अध्यक्ष रामचंद्र साईं व डॉ. वेंकट के गंजम ने बताया, "एक करोड़ पार्थिव शिवलिंग को हैदराबाद की पांच हजार महिलाओं और पांच हजार अन्य शिष्यों ने देश भर के 58 केंद्रों पर तैयार किया है। 10 हजार लोगों की टीम ने पांच महीने में इस काम को पूरा किया। मिट्‌टी गाय का गोबर, गोमूत्र और गंगाजल से बनाए गए हैं। हैदराबाद में बनाकर इन्हें विशेष वाहनों से वाराणसी लगाया गया है।"

पौराणिक कथाओं के अनुसार काशी वह स्थान है जहां शिवलिंग पहली बार स्थापित किया गया था। काशी के हर शिवलिंग का अपना अलग ही महत्व है। हैदराबाद से एक करोड़ पार्थिव शिवलिंग को निर्मित करके काशी लाया गया है। शिव अर्चना के साथ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होना बड़ी उपलब्धि होगी।

एक करोड़ पार्थिव शिवलिंग के अलावा द्वादश ज्योतिलिंग को भी स्थापित किया गया है।

एक करोड़ पार्थिव शिवलिंग के अलावा द्वादश ज्योतिलिंग को भी स्थापित किया गया है।

देश के घर-घर में महादेव, विदेशों तक भी भेजेंगे शिवलिंग

विजयानंदनधा गुरु सेवा समिति के व्यवस्थापक अध्यक्ष रामचंद्र साईं ने बताया, "जगतगुरु शंकराचार्य ने आदेश दिया है कि घर-घर में हर-हर महादेव गूंजे। उनके आदेश को संकल्प मानकर काशी से इसका आगाज किया जाएगा। पूजा अर्चना और सभी धार्मिक अनुष्ठान के बाद इन शिवलिंगों को देश भर के एक करोड़ परिवारों तक पहुंचाया जाएगा। केवल देश ही नहीं विदेशों तक इसे भेजकर विश्व शांति का संदेश देंगे।

इसकी पैकिंग में भस्माभिषेक की भस्म, रुद्राभिषेक के बेलपत्र और आरती के प्रसाद के साथ पार्थिव शिवलिंग को रखा जाएगा। 15 दिसंबर से प्रदेश वार सूची बनाकर इन्हें जन-जन तक पहुंचाने का अभियान शुरू होगा। विश्व में अशांति बहुत हो गया, विश्व शांति विश्व कल्याण के लिए पार्थिव शिवलिंगार्चन का आयोजन किया गया। काशी धर्म की राजधानी है और यहीं से विश्व में शांति का संदेश दिया जाएगा।"​

विजयानंदनधा गुरु सेवा समिति के व्यवस्थापक अध्यक्ष रामचंद्र साईं ने एक छोटे शिवलिंग को हथेली पर रखकर दर्शन कराए।

विजयानंदनधा गुरु सेवा समिति के व्यवस्थापक अध्यक्ष रामचंद्र साईं ने एक छोटे शिवलिंग को हथेली पर रखकर दर्शन कराए।

रिकार्ड में दर्ज कराने की तैयारी, 26 को आएगी टीम

वैदिक विद्वान व कार्यक्रम के समन्वयक चंद्रशेखर घनपाठी ने बताया,"सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंगार्चन अभी तक कहीं नहीं हुआ। देश में पहली बार एक पंडाल में एक करोड़ सवा लाख पार्थिव शिवलिंगार्चन होने का दावा किया है। भक्तों द्वारा पार्थिव शिवलिंग का निर्माण भी हर दिन होता है जिससे हर दिन पूजन में शिवलिंग की संख्या बढ़ती जा रही है। आयोजन को विश्व रिकॉर्ड में शामिल करने की तैयारी के चलते टीम को आमंत्रण दिया गया है।"

श्री विजयानंदनाध गुरु सेवा समिति के जनरल सेक्रेटरी डॉ. जीके वेंकट ने बताया कि 26 नवंबर को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम आएगी। वह पार्थिव शिवलिंगों की संख्या की जांच करेगी।

नौ दिवसीय अनुष्ठान में एक करोड़ पार्थिव शिवलिंगार्चन के साथ प्रतिदिन हवन में श्रद्धालु आहुतियां देते हैं।

नौ दिवसीय अनुष्ठान में एक करोड़ पार्थिव शिवलिंगार्चन के साथ प्रतिदिन हवन में श्रद्धालु आहुतियां देते हैं।

कल होगी पूर्णाहुति, आयोजन को बनाई टीमें
शिवाला घाट स्थित चेतसिंह किले में नौ दिवसीय अनुष्ठान में एक करोड़ पार्थिव शिवलिंगार्चन के बाद कल पूर्णाहुति होगी। आयोजन की सफलता के लिए कई उपसमितियां बनाई गई हैं। जिनमें सामग्री क्रय समिति सह भंडारगृह प्रभारी, रसोई निगरानी, सफाई एवं मार्ग समिति, साउंड पंडाल समिति, मीडिया प्रचार आदि समिति बनाये गये हैं।

समिति मिट्टी आपूर्ति समिति, रात्रि विश्राम समिति, पेयजल, शौचालय निर्माण समिति, पंडितों के रखरखाव निगरानी समिति, प्रसाद वितरण समिति, वान पार्किंग निगरानी समिति, पूजा स्थल पर सामग्री आपूर्ति समिति, सहयोग राशि समिति एवं पूजा स्थल निरीक्षण समिति शामिल हैं।

इसमें महिलाओं और पुरुषों को काम के अनुसार समितियों में रखा गया है। संचालन चक्रवर्ती विजय नावड़ ने किया। पूजन में आदिनाथ संप्रदाय के पीठाधीश्वर कल्कि महाराज, काशी तेलुगू समिति के संस्थापक बीवी सुंदर शास्त्री, शैलेंद्र सिंह, लक्ष्मी आदि शामिल रहे।

नदी-तालाब की मिट्टी से बनाते हैं पार्थिव शिवलिंग

  • पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए किसी पवित्र नदी या तालाब की मिट्टी लें। उस मिट्टी को फूल, चंदन और अन्य पूजन सामग्री से शोधित करें।
  • मिट्टी में दूध मिलाकर शोधन करें। शिव मंत्र बोलते हुए उस मिट्टी से शिवलिंग बनाने की क्रिया शुरू करें।
  • पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह रखकर शिवलिंग बनाना चाहिए।
  • मिट्टी, गाय का गोबर, गुड़ , मक्खन और भस्म मिलाकर पार्थिव शिवलिंग बनाएं।
  • पार्थिव शिवलिंग 12 अंगुल से ऊंचा नहीं होना चाहिए। इससे ज्यादा ऊंचा होने पर पूजन का पुण्य नहीं मिलता। शिवलिंग पर चढ़ाई हुई चीजें ग्रहण नहीं करनी चाहिए।

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