मनरेगा को मजबूत करो ताकि स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ें

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
बेतिया । बीते हफ्ते में सोशल मीडिया में बिहार और अन्य उत्तर भारतीय राज्यों के मजदूरों पर तमिलनाडू में हमले की फर्जी खबरों के विरोध में भाकपा-माले- खेत व ग्रामीण मजदूर सभा ने बेतिया के मुख्य सड़क मार्च कर जिला समाहर्ता के गेट पर प्रदर्शन किया।
भाकपा-माले जिला कमिटी सदस्य सुनील कुमार राव ने कहा कि होली के लिए अपने घरों के लौटते प्रवासी मजदूरों के बारे में प्रचारित कर दिया गया कि वे हमले की वजह से तमिलनाडू छोड़ कर जा रहे हैं।
इस फर्जी खबर को विभिन्न मीडिया चैनलों और अखबारों ने उठा लिया और बिना सत्यता जांचे प्रसारित भी कर दिया. जैसे दैनिक भास्कर ने खबर छाप दी कि 15 बिहारी प्रवासी मजदूर तमिलनाडू में मारे गए हैं और अन्य बिहारी प्रवासियों को तालिबानी शैली के हमलों का सामना करना पड़ रहा है।
माले नेता ने कहा कि यह भाजपा व उसके अन्य संगठनों का यह सोचीसमझी साजिश है, इस लिये जो जानबूझ कर प्रवासी मजदूरों पर हमले के फर्जी वीडियो पोस्ट कर रहे हैं और प्रवासी मजदूरों में भय और तनाव फैला रहे हैं, लोगों में भाषाई कलह और बंटवारा पैदा कर रहे हैं, उनके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही की जाये. हम संघ परिवार की इस पतित हरकत की निंदा करते हैं, जो तमिलनाडू के लोगों के खिलाफ घृणा के बीज बो कर राजनीतिक लाभ अर्जित करने की मंशा रखता है. संघ ब्रिगेड एक बार फिर प्रवासी मज़दूरों को अपने राजनीतिक षड्यंत्र के औज़ार के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता है।
अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा(खेग्रामस) नेता हारून गद्दी ने कहा कि केन्द्र सरकार प्रवासी मज़दूरों की सुरक्षा, गरिमा और जीवनयापन लायक मजदूरी के लिए केंद्रीय कानून बनाया जाये. राज्यों को भी अपने राज्यों के प्रवासी मज़दूरों को सुरक्षा की योजनाएं बनानी चाहिए।