स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि पर धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
बेतिया। बेतिया स्थित सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बेहद अहम योगदान देने वाली सरोजनी नायडू की पुण्यतिथि पर एक सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन गुरुवार को किया गया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी सरोजनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हुआ था।
उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई के साथ ही महिलाओं की आजादी लड़ाई भी पुरजोर तरीके से लड़ी। सरोजिनी नायडू बच्चों के उपर विशेष रूप से कविता लिखा करती थी। यही वजह है कि उन्हें ‘भारत की कोकिला’ कहा जाता था।सरोजनी नायडू ने मात्र 13 वर्ष की आयु में ही 1300 पदों की ‘झील की रानी‘ नामक लंबी कविता और लगभग 2000 पंक्तियों का एक विस्तृत नाटक लिखकर अंग्रेजी भाषा पर अपनी पकड़ का उदाहरण दिया था।
सरोजिनी नायडू गांधीजी से सन 1914 में लंदन में मिली। इसके बाद उनके जीवन में क्रांतिकारी बदलाव हुआ और वह भी स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़ीं। आजादी की लड़ाई में तो उनका अहम योगदान था ही साथ ही भारतीय समाज में जातिवाद और लिंग-भेद को मिटाने के लिए भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई। भारत की स्वाधीनता के बाद नारियों के उत्थान के लिए उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी।