IAS मर्डर में दोषी बाहुबली की 15 साल बाद रिहाई:बिहार में कानून बदलने पर राहत, आनंद मोहन बोले- बिलकिस के भी दोषी छूटे

IAS मर्डर में दोषी बाहुबली की 15 साल बाद रिहाई
बिहार सरकार ने 10 अप्रैल 2023 को बिहार कारा हस्तक, 2012 के नियम-481(i) (क) में संशोधन करके उस वाक्यांश को हटा दिया, जिसमें सरकारी सेवक की हत्या को शामिल किया गया था। इस संशोधन के बाद अब ड्यूटी पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या अपवाद की श्रेणी में नहीं गिनी जाएगी, बल्कि यह एक साधारण हत्या मानी जाएगी।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

पटना । बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई के आदेश जारी हो गए हैं। यह आदेश उनके बेटे की सगाई के दिन आया। वह सगाई के लिए ही 15 दिन की पैरोल पर बाहर थे। मंगलवार को पैरोल खत्म होने पर सहरसा जेल जाएंगे। जेल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद वे बुधवार को बाहर आ जाएंगे।

डीएम की हत्या का दोषसिद्ध होने पर उम्रकैद हुई थी
गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की 4 दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर में हत्या हुई थी। इस हत्याकांड में आनंद मोहन को अक्टूबर 2007 में उम्रकैद की सजा हुई थी। तब से वे जेल में हैं। जेल मैन्युअल के मुताबिक, उन्हें 14 साल की सजा पूरी करने के बाद परिहार मिल सकता था, लेकिन 2007 में जेल मैन्युअल में एक बदलाव की वजह से वे बाहर नहीं आ पा रहे थे।

अब सरकार ने जेल से बाहर निकालने के लिए नियम बदल दिए हैं। इसके बाद आनंद मोहन समेत 27 लोगों को सोमवार को रिहाई के आदेश जारी कर दिए गए। आनंद मोहन पर 3 और केस चल रहे हैं। इनमें उन्हें पहले से बेल मिल चुकी है।

जेल मैन्युअल संशोधन का लाभ मिला
बिहार सरकार ने 10 अप्रैल 2023 को बिहार कारा हस्तक, 2012 के नियम-481(i) (क) में संशोधन करके उस वाक्यांश को हटा दिया, जिसमें सरकारी सेवक की हत्या को शामिल किया गया था। इस संशोधन के बाद अब ड्यूटी पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या अपवाद की श्रेणी में नहीं गिनी जाएगी, बल्कि यह एक साधारण हत्या मानी जाएगी।

इस संशोधन के बाद आनंद मोहन के परिहार की प्रक्रिया आसान हो गई, क्योंकि सरकारी अफसर की हत्या के मामले में ही आनंद मोहन को सजा हुई थी।

आनंद मोहन बोले- मायावती को नहीं, कलावती को जानता हूं
आनंद मोहन बेटे की सगाई के लिए पैरोल पर थे। रिहाई का आदेश मिलने के बाद यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने कहा- सरकार के इस फैसले से दलितों को दुख हुआ है। इस पर आनंद मोहन ने कहा- मैं मायावती को नहीं जानता, मैं सिर्फ भगवान सत्यनारायण की कथा वाली कलावती को जानता हूं। उन्होंने कहा- गुजरात में हुए बिलकिस बानो गैंगरेप के दोषियों को भी छोड़ा गया था।

आनंद मोहन की यह तस्वीर 1994 की है। गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या उसी साल हुई थी। भीड़ ने पहले उन्हें पीटा फिर गोली मार दी थी। आनंद मोहन पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगा था।

आनंद मोहन की यह तस्वीर 1994 की है। गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या उसी साल हुई थी। भीड़ ने पहले उन्हें पीटा फिर गोली मार दी थी। आनंद मोहन पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगा था।

विपक्ष बोला- अपराधी बाहर आएंगे और गुंडाराज फैलाएंगे
पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर बिहार में सियासत शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने नीतीश सरकार से सवाल पूछा कि 2016 में सरकार ने क्या संशोधन किया था। कहा था- किसी को नहीं छोड़ा जाएगा। आज क्या मजबूरी है।

आनंद मोहन को वही लोग फंसाने वाले हैं। आज वो क्यों अपराधी को छोड़ रहे हैं। वे बताएं कि किसके दबाव में यह खेल रहे हैं। अपराधी बाहर आएंगे और गुंडाराज फैलाएंगे। ये गुंडे बाहर आएंगे तो क्या करेंगे। थाने में जाकर हाजिरी लगाएंगे?

बेटे की सगाई के दिन सरकार का तोहफा
सोमवार की शाम आनंद मोहन के बेटे शिवहर विधायक चेतन आनंद की सगाई हुई है। सगाई के ही दिन आनंद मोहन की रिहाई का आदेश जारी किया गया। इस सगाई में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत बिहार के कई नेता शामिल हुए थे। सगाई की रस्में काफी धूमधाम से हुईं। सगाई के दिन ही बिहार सरकार ने उन्हें रिहाई का बड़ा गिफ्ट दिया।

6 महीने में तीसरी बार मिली थी पैरोल

  • बेटी सुरभि आनंद की 7 नवंबर को सगाई थी, जिसको लेकर 5 नवंबर को आनंद पैरोल पर जेल से बाहर आए थे। 21 नवंबर को पैरोल खत्म हो गई तो जेल गए थे।
  • सुरभि की शादी को लेकर वो पांच फरवरी को फिर से पैरोल पर जेल से बाहर आए थे और शादी होने के बाद 21 फरवरी को जेल भेज दिए गए थे।
  • बेटे राजद विधायक चेतन आनंद की सगाई के लिए 15 दिन की पैरोल मिली। चेतन आनंद का 16 अप्रैल को जनेऊ, 24 अप्रैल को सगाई हुई। तीन मई को देहरादून में शादी होने वाली है। बीते 6 महीने में तीसरी बार आनंद मोहन पैरोल पर सहरसा मंडल कारा से बाहर आए हैं।

हत्या के बाद उमा कृष्णैया ने अपने पति जी कृष्णैया की तस्वीर लेकर न्याय की मांग की थी।

हत्या के बाद उमा कृष्णैया ने अपने पति जी कृष्णैया की तस्वीर लेकर न्याय की मांग की थी।

DM को भीड़ ने पीटा था, फिर गोली मारकर हत्या की थी
गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया 5 दिसंबर 1994 को हाजीपुर से गोपालगंज लौट रहे थे। इसी दौरान मुजफ्फरपुर में आनंद मोहन के समर्थक DM की गाड़ी को देखते ही उन पर टूट पड़े। पहले उन्हें पीटा गया, फिर गोली मारकर हत्या कर दी थी।

आरोप लगा कि भीड़ को आनंद मोहन ने ही उकसाया था। घटना के 12 साल बाद 2007 में लोअर कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई। आजाद भारत में यह पहला मामला था, जिसमें एक राजनेता को मौत की सजा दी गई थी।

2008 में हाईकोर्ट ने इस सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। साल 2012 में आनंद मोहन ने सुप्रीम कोर्ट में सजा कम करने की अपील की। कोर्ट ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया था।

इसी साल 15 फरवरी को पटना में आनंद मोहन की बेटी की शादी थी। इसमें CM नीतीश कुमार भी शामिल हुए थे।

इसी साल 15 फरवरी को पटना में आनंद मोहन की बेटी की शादी थी। इसमें CM नीतीश कुमार भी शामिल हुए थे।

नीतीश ने आनंद को अपना मित्र बताया था
आनंद मोहन की रिहाई की मांग काफी समय से हो रही थी। इसके लिए अलग-अलग तर्क दिए जा रहे थे। इसी साल 23 जनवरी को पटना के मिलर हाईस्कूल में महाराणा प्रताप का पुण्यतिथि समारोह हुआ था। इसमें आनंद मोहन के समर्थकों ने उन्हें रिहा करने की मांग की थी।

कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंच से ही इस बात की घोषणा की कि वे आनंद मोहन की रिहाई के बारे में सोच रहे हैं। काम किया जा रहा है। तब उन्होंने कहा था कि आनंद मोहन हमारे मित्र रहे हैं। जब वे जेल गए थे, तो उनसे मिलने हम लोग गए थे।

पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर IAS जी कृष्णैया की पत्नी का आया रिएक्शन, पढ़िए खबर...

बिहार गवर्नमेंट में कास्ट पॉलिटिक्स, इसलिए आनंद मोहन को छोड़ा:IAS जी कृष्णैया की पत्नी बोलीं-इनजस्टिस हुआ है, राजपूत वोटबैंक के लिए रिहाई

 

हैदराबाद में IAS जी. कष्णैया की पत्नी उमा ने आनंद मोहन की रिहाई पर विरोध जताया।

बिहार के बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई को IAS अफसर जी कृष्णैया की पत्नी ने वोटबैंक की राजनीति बताया। पत्नी उमा कृष्णैया ने कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है। पहले दोषी को फांसी की सजा हुई थी, फिर उसे उम्रकैद में बदला गया। अब उसकी रिहाई हो रही है। ये बिल्कुल सही नहीं है।

IAS अफसर जी कृष्णैया (तत्कालीन गोपालगंज डीएम) को 4 दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर में पीट-पीटकर मार डाला गया था। इस मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन को उम्रकैद की सजा हुई थी। अब सरकार ने नियम बदलकर रिहाई दी है।

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