रायपुर : सेवाभाव से कर्तव्य निर्वहन कर विशिष्ट पहचान बनाएं चिकित्सा छात्र : डॉ. भारती

 रायपुर : सेवाभाव से कर्तव्य निर्वहन कर विशिष्ट पहचान बनाएं चिकित्सा छात्र : डॉ. भारती

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

रायपुर । केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रविण पवार ने नए चिकित्सकों का आह्वान किया है कि वे सेवाभाव के साथ कर्तव्य निर्वहन कर समाज में अपनी विशिष्ट पहचान बनाएं। इसके साथ ही उन्होंने एम्स को उपचार के साथ शोध का भी उत्कृष्ट केंद्र बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए कहा है।

डॉ. पवार मंगलवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रथम दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर एम्स के ऑडिटोरियम और नई डेंटल ओपीडी का भी उन्होंने लोकार्पण किया।

एमबीबीएस और बीएससी (नर्सिंग) के छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए डॉ. भारती प्रविण पवार ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा के बाद इस नए मुकाम तक पहुंचने वाले सभी छात्रों को बधाई दी। उनका कहना था कि दीक्षांत समारोह छात्र जीवन का एक पड़ाव पूरा होने के बाद समाज में विशिष्ट सेवाएं प्रदान करने वाले दूसरे पड़ाव की शुरूआत होती है।

उन्होंने सभी स्नातक उपाधि पाने वाले छात्रों से सर्वसुलभ चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने का अनुरोध किया जिससे गरीब को भी इलाज की सुविधा मिल सके।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 के 387 मेडिकल कालेज की अपेक्षा अब 665 मेडिकल कालेज बन गए हैं। इससे एमबीबीएस की सीट 95 प्रतिशत और पीजी की सीट 110 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि विश्व स्तर की सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद देश में अब अन्य देशों से भी रोगी पहुंच रहे हैं। उन्होंने गांवों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर की संख्या 1.5 लाख तक पहुंच गई है। इन्हें टेली कंसलटेशन के माध्यम से विशेषज्ञों के साथ जोड़ा जा रहा है।

उन्होंने दस वर्ष की अल्प अवधि में निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर के निर्देशन में एम्स की प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा के साथ ही शोध का राष्ट्रीय केंद्र भी बन रहा है। एम्स और आईआईटी भिलाई मिलकर मेडिकल टेक्नोलॉजी की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में इनोवेशन क्लस्टर भी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने दोनों संस्थानों के इस सहयोग की सराहना करते हुए इसका लाभ आम लोगों तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने इन नवीन प्रयासों के लिए एम्स के शिक्षकों की प्रशंसा की।

डॉ. पवार ने कहा कि स्थापना के बाद से अब तक एम्स 32 लाख रोगियों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर चुका है। संस्थान में ट्रांसप्लांट की सुविधाएं भी प्रारंभ की गई हैं। फिर भी पारंपारिक बीमारियों को ठीक करने के लिए एम्स जैसे संस्थानों को प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर पहल करनी होगी।

उन्होंने डिग्री प्राप्त करने वाले चिकित्सकों से भी इस दिशा में योगदान देने का अनुरोध किया। डॉ. पवार ने एम्स को आयुष और छत्तीसगढ़ में पाई जाने वाली प्रमुख बीमारियों पर भी शोध करने का सुझाव दिया।

इससे पूर्व अध्यक्ष प्रो. जॉर्ज ए डिसूजा ने श्रेष्ठ चिकित्सा शिक्षकों को इस सफलता का श्रेय देते हुए कहा कि जल्द ही सुपर स्पेशियल्टी में और अधिक चिकित्सकों के उपलब्ध होने के बाद एम्स और बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कर सकेगा।

निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने संस्थान की पिछले दस वर्ष की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि संस्थान में चिकित्सा शिक्षा, शोध और बेहतर रोगी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। दीक्षांत समारोह में 850 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई।

इनमें वर्ष 2012 से 2016 तक के पांच बैच के 425 एमबीबीएस छात्रों, बीएससी (नर्सिंग) के वर्ष 2013 से 2017 तक के पांच बैच की 292 छात्राओं, एमडी-एमएस-एमडीएस के 120 छात्रों, एमएससी नर्सिंग की आठ छात्राओं और मास्टर ऑफ पब्लिक हैल्थ के पांच छात्रों को डिग्री प्रदान की गई।

इस अवसर पर डॉ. पवार के साथ सांसद सुनील सोनी, सांसद सरोज पांडेय और सांसद अरूण साव ने छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल और डिग्री प्रदान की। इससे पूर्व डॉ. पवार, तीनों सांसद और शिक्षक दीक्षांत समारोह की शोभायात्रा में शामिल हुए। इस अवसर पर उप-निदेशक (प्रशासन) अंशुमान गुप्ता, कुलसचिव डॉ. अतुल जिंदल, डीन प्रो. सरिता अग्रवाल और प्रो. एली मोहापात्रा सहित शिक्षक और अधिकारी उपस्थित थे।

दस गोल्ड मेडलिस्ट को किया गया सम्मानित

दीक्षांत समारोह में एमबीबीएस और बीएससी (नर्सिंग) के पांच-पांच छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। इसमें एमबीबीएस के अश्विन पी. विनोद (2012), गौरव सारनाइक (2013), अंकिता देवांगन (2014), काव्या वी. नायर (2015), रिया जैन (2016) और श्री साई कौमुदी चिरमौली (2017) और बीएससी (नर्सिंग) की सिमरन (2013), ज्योति (अनुपस्थित) (2014), निकिता (2015), भाग्यलक्ष्मी एस (2016) और दीक्षा रोहिल्ला (2017) शामिल हैं।

एमबीबीएस की छात्रा काव्या वी. नायर ने संस्थान के उत्कृष्ट शिक्षकों को अपनी सफलता का श्रेय दिया। उनका कहना था कि एम्स में उन्हें सर्वोत्तम शिक्षा के साथ जीवन के अन्य भाग में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया जाता है जिससे उनके व्यक्तित्व का बेहतर विकास संभव हो पाता है। उन्होंने शिक्षकों द्वारा दिए गए प्रोत्साहन के लिए भी सभी को धन्यवाद दिया।

बीएससी (नर्सिंग) की स्वर्ण पदक विजेता रही ज्योति का कहना है कि संस्थान ने उन्हें पढ़ने के साथ ही सीखने के लिए संपूर्ण संसाधन उपलब्ध कराए। यहां मिली शिक्षा की वजह से उन्हें रोगियों को सेवा प्रदान करने में काफी मदद मिली। भाग्यलक्ष्मी शीला ने एम्स ने बीएससी नर्सिंग के बाद आयरलैंड के डबलिन में अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एम्स में उपलब्ध गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की वजह से वह विदेश में पंजीकृत नर्स के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कर पा रही हैं।

जन औषधि केंद्र का किया निरीक्षण, रोगियों से लिया फीडबैक

एम्स, रायपुर स्थित जन औषधि केंद्र का केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रविण पवार ने मंगलवार को निरीक्षण कर यहां उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। डॉ. पवार ने रोगियों से भी बात की और जन औषधि के माध्यम से उपलब्ध सस्ती दवाइयों के बारे में उनका फीडबैक लिया।

रोगियों ने बताया कि जेनरिक दवाइयां बहुत कम मूल्य पर उपलब्ध होने के कारण उनका दवाइयों पर खर्चा काफी कम हो गया है। अब वह अपनी निकटवर्ती क्षेत्रों में भी जन औषधि केंद्रों के बारे में प्रचार कर रहे हैं।

डेंटल ओपीडी के माध्यम से विशिष्ट दंत चिकित्सा मिलेगी

एम्स, रायपुर में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रविण पवार ने मंगलवार को किया नई डेंटल ओपीडी का उद्घाटन किया। 14 अत्याधुनिक डेंटल चेयर से लैस डेंटल ओपीडी सभी प्रकार के दंत रोग संबंधी उपचार प्रदान करेगी।

अत्याधुनिक अल्ट्रा मॉडर्न डेंटल चेयर्स में विभिन्न प्रकार के डेंटल इक्विपमेंट्स जैसे-इलेक्ट्रॉनिक अपैक्स लोकेटर, इंडो मोटर, एक्स-रे प्रोब लगे हुए हैं जिससे एक ही स्थान पर रोगी को समस्त ओरल और डेंटल सुविधाएँ जैसे स्केलिंग, फिलिंग, रूट कैनाल ट्रीटमेंट, डेंटल इम्प्लांटस, विजडम टीथ रिमूवल, फुल माउथ रिहेब्लिटेशन प्रदान की जाएगी।

सभी चेयर आल इन पीसी लेन कनेक्शन से जोड़े गए हैं। जिससे रोगी की रिपोर्ट्स और विवरण सभी वरिष्ठ चिकित्सक अपने कम्प्यूटर पर देख सकेंगे I दन्त रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विराट गिल्होत्रा ने बताया कि प्रतिदिन लगभग 100 दांत/मुख के मरीज सीधे या रेफ़र होकर एम्स आते हैं।

नई ओपीडी बनने और डेंटल चेयर की संख्या बढ़ने से रोगियों की सुविधाओं में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो जाएगी। रूट कैनाल ट्रीटमेंट और फिलिंग जैसे प्रोसीजर्स में जल्दी अपॉइंटमेंट मिल पाएगाI नई ओपीडी में बालरोगियों के लिए अलग से 2 डेंटल चेयर की व्यवस्था की गई I 

कैड-कैम तकनीक से डेंटल इम्प्लान्ट्स और डेंटल कैप बनाने के लिए लैब तैयार है जहाँ एक से डेढ़ घंटे में डेंटल कैप बनाया जा सकेगा। साथ ही इंट्रा ओरल स्कैनर की सुविधा भी ओपीडी में मौजूद है जिससे से दांतों और इम्प्लान्ट्स लगाने के लिए सटीक मापन संभव हो पाएगा। दंतरोग विभाग का अपना स्वयं का 15 बिस्तरों का वार्ड उपलब्ध है जहाँ मुख के कैंसर और ट्रामा से संबंधित ओरल मेक्जिलो सर्जरी के रोगियों का प्री-ऑपरेटिव और पोस्ट-ऑपरेटिव केयर प्रदान की जाती है।

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