पिरामिड ध्यान कार्यशाला बच्चों ने सीखे विचार और स्मरण शक्ति में वृद्धि के टिप्स
 

 पिरामिड ध्यान कार्यशाला बच्चों ने सीखे विचार और स्मरण शक्ति में वृद्धि के टिप्स

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

बेगूसराय। हम अपनी वास्तविकता के स्वयं निर्माता हैं'' शीर्षक के आधार पर शनिवार को विकास विद्यालय डुमरी में पिरामिड ध्यान कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें पंचम से नवम वर्ग तक के सभी छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

कार्यशाला में पिरमिड स्पिरिचुयल सोसाइटी मूवमेंट भारत (पीएमसी बिहार) के स्वाति पोन्नला, अपर्णा कुमारी, वैष्णवी तथा भार्गव रेड्डी ने बच्चों तथा शिक्षकों से मेडिटेशन मेडिटेसन करवाया। उन्होंने बताया कि मेडिटेशन एक ऐसी विधा है जिससे समस्त शारीरिक व्याधियों का पूर्णतया उपचार संभव हो जाता है। स्मरण शक्ति का विकास होता है, अनुपयोगी आदतें स्वयं समाप्त हो जाती हैं।

इससे मन सदा शांत और प्रसन्न रहता है, कार्य कुशलता बढ़ जाती है। अच्छी नींद आती है, परस्पर सम्बन्धों में प्रगाढ़ता आती है। विचार शक्ति में वृद्धि होती है, उचित-अनुचित में भेद कर पाने की क्षमता बढ़ जाती है। और जीवन का उद्देश्य बेहतर समझ आने लगता है। साथ साथ उन्होने अहिंसा और शाकाहार पर बच्चों तथा शिक्षकों को बल देने का सुझाव दिया। कार्यशाला में उपस्थित बच्चों और शिक्षकों ने बताया कि हमें मेडिटेशन के बाद अत्यधिक शांति महसूस हो रही है।

इस ध्यान कार्यशाला में विद्यालय के निदेशक और भाजपा जिलाध्यक्ष राजकिशोर सिंह ने मेडिटेशन के महत्व को विस्तार से बताते हुए छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों से सप्ताह में कम से कम तीन दिन मेडिटेशन करने की सलाह दी। कार्यशाला में विद्यालय के उपनिदेशक राकेश कुमार एवं प्राचार्य मनोज कुमार चौधरी भी उपस्थित थे।

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