पूर्वी चंपारण जिले का परसौनी कृषि विज्ञान केंद्र बना पूर्ण रूपेण कृषि यंत्रीकरण क्षेत्र

पूर्वी चंपारण जिले का परसौनी कृषि विज्ञान केंद्र बना पूर्ण रूपेण कृषि यंत्रीकरण क्षेत्र

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

मोतिहारी। जिले के पहाड़पुर स्थित परसौनी कृषि विज्ञान केंद्र अब पूर्ण रूपेण कृषि यंत्रीकरण क्षेत्र बन गया है।जिसके बलबूते केन्द्र बड़े पैमाने पर बीज उत्पादन का कार्य कर रहा है।उक्त जानकारी देते हुए वरीय वैज्ञानिक एवं पिपरा कोठी कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान डॉ अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि केन्द्र में सभी कृषि कार्य यंत्रो के द्धारा किया जा रहा है,साथ ही किसानों के बीच नई तकनीक को भी प्रदर्शित किया जा रहा है।

केन्द्र अभी धान,गेहूं और अरहर की प्रमाणित बीज का उत्पादन कर रहा है,वही मोटे अनाज के साथ अन्य फसल के बीज उत्पादन पर तेजी से काम किया जा रहा है।

उन्होने बताया कि केन्द्र रोपनी और छिटवा विधि जैसे परंपरागत खेती से अलग कम लागत में बेहतर फसल उत्पादन के गुर किसानो को सीखाने के लिए तत्पर है। उन्होने कहा मृदा विशेषज्ञ डॉ आशीष राय और केवीके के साथियों के सहयोग से धान को डीएसआर टेक्निक जिसे धान की सीधी बिजाई भी कहते हैं से बीज उत्पादन किया गया है।जिसके लाभकारी परिणाम भी सामने आये है।

बताते चले कि परसौनी केन्द्र यंत्र आधारित बीज उत्पादन क्षेत्र में अंडरग्राउंड पाइप लाइन का जाल बिछाया गया है।जिसे सोलर पंप से कनेक्ट कर बिना बिजली खर्च के खेत में सिंचाई की सुविधा दी जा रही है।वही रेज्ड आधारित अरहर की बुवाई तकनीक का भी यहां प्रयोग किया गया है। वही केन्द्र के कृषि विशेषज्ञ आशीष राय और कीट विशेषज्ञ डॉक्टर जीर विनायक द्धारा प्राकृतिक रूप तैयार नीमास्त्र आग्नयास्त्र व ब्रह्स्रात्र का प्रयोग कर कीट प्रबंधन किया जा रहा है।

डा.आशीष राय ने बताया कि प्रधान डा.अरविंद कुमार सिंह के दिशा निर्देश में केन्द्र डीएसआर,जीरो टिलेज, अंडरग्राउंड पाइप लाइन,सोलर पैनल पंप, रेज्ड बेड तकनीकी और लेजर लैंड लेवलिंग अग्नियास्त्र और ब्रह्मास्त्र जैसा प्रयोग केन्द्र द्धारा किया जा रहा है। जहां किसान पहुंचकर यहां के तकनीक को सीख रहे है।
 

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