आमसांग वन्य जीव अभयारण्य में कीमती पेड़ों को काटने का आरोप

 आमसांग वन्य जीव अभयारण्य में कीमती पेड़ों को काटने का आरोप

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

गुवाहाटी । वन्यजीव अभ्यारण्य का दर्जा प्राप्त होने के बावजूद संरक्षित क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा बने आमसांग वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में पेड़ों की निर्वाध रूप से कटाई का सिलसिला वन अधिकारियों की नाक के नीचे बदस्तूर जारी है।

गुवाहाटी शहर के पूर्वी किनारे पर स्थित आमसांग वन्यजीव अभयारण्य 78.64 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। मूल्यवान पेड़ों से समृद्ध है और दुर्लभ और लुप्तप्राय पक्षियों और जानवरों का आसियाना है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब मीडिया सूचना मिलने पर मंगलवार को हस्तिनापुर क्षेत्र के पास आमसांग वन्यजीव अभयारण्य में पहुंचा। यह क्षेत्र गुवाहाटी वन्यजीव प्रभाग के अंतर्गत खानापाड़ा वन्यजीव रेंज की सीमा में आता है।

इलाके में कई पेड़ काटे देखे गए। स्थानीय लोगों का दावा है कि पेड़ों की कटाई हाल के दिनों में हुई है। आरोप लगाया गया है कि वन विभाग की घोर लापरवाही के चलते लकड़ी माफिया अभयारण्य से कीमती सागौन के पेड़ काट रहे हैं। इस गतिविधि को रोकने के लिए स्थानीय लोगों द्वारा आज गुवाहाटी वन्य जीव प्रभाग, आईएफएस के प्रभागीय वन अधिकारी, जयश्री नैडिंग के संज्ञान में लाया गया।

डीएफओ के निर्देश पर मौके पर पहुंचे वन अधिकारियों की टीम ने इलाके का सर्वे किया और अभयारण्य के अंदर पेड़ गिरने की पुष्टि की। खानापाड़ा वाइल्ड लाइफ रेंज के रेंज ऑफिसर सफीकुर रहमान से संपर्क करने पर पता चला कि उन्हें काटे गए पेड़ों की सही संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। स्थानीय लोगों ने गुवाहाटी वन्यजीव प्रभाग से काटे गए पेड़ों की सही संख्या और पेड़ों की अवैध कटाई के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया।

उन्होंने संरक्षित क्षेत्र में पेड़ों की और कटाई को रोकने के लिए कदम उठाने की भी मांग की। कुछ स्थानीय निवासियों ने आमसांग में पेड़ों की अवैध कटाई की जांच करने में पूरी तरह से अक्षम वन विभाग की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वन अधिकारियों को जंगल की रक्षा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

जानकारी के अनुसार, खानापाड़ा वन्यजीव रेंज और बोंदा वन्यजीव रेंज के वन अधिकारियों को आमसांग वन्यजीव अभयारण्य की सुरक्षा के लिए गश्त करनी है। हालांकि, अभयारण्य की तलहटी में रहने वाले लोगों ने बताया कि उन्होंने खानापाड़ा रेंज के किसी भी वन अधिकारी को जंगल के अंदर गश्त करते हुए कभी नहीं देखा है, बल्कि उनके वाहनों को, खासकर राजमार्गों पर तेजी से दौड़ते हुए देखा है। निवासियों ने मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा से वन अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने और अभयारण्य में पेड़ों की कटाई की जांच करने का आह्वान किया है।

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