यमुनानगर : सरपंचों ने ई- टेंडरिंग के विरोध में पुतला फूंका

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
यमुनानगर। ई- टेंडरिंग के विरोध जिला यमुनानगर सरपंच संगठन ने मंगलवार को लघु सचिवालय के सामने मुख्यमंत्री का पुतला फूंक कर अपना विरोध जताया। संगठन ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी प्रेषित किया।
प्रदर्शनकारी जिला अध्यक्ष रीटा देवी ने सरपंचों की मांगों को लेकर बताया कि सभी पंचायतें ई-टेंडरिंग के खिलाफ हैं, क्योंकि कई वर्षों से गांव के विकास कार्यों के लिए सरपंच को 20 लाख रुपये की राशि दी जाती थी। यह अब घटाकर दो लाख रुपये कर दी गई है।
इससे ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा मिलेगा और वह अपनी मनमर्जी से कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा राइट टू रिकॉल का कानून सांसद और विधायक पर भी लागू हो। अन्यथा सरपंचों पर भी रद्द किया जाए। ई-टेंडरिंग को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए।
उन्होंने कहा कि संविधान के 73वें संशोधन की 11वीं सूची के तहत 29 अधिकार व बजट पंचायतों को सीधे तौर पर दिए जाए। उन्होंने कहा कि सरपंचों का मानदेय 25 हजार रुपये और पंच का मानदेय 5 हजार किए जाए। सांसद और विधायक कई-कई लाखों रुपये मानदेय ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरपंचों का टोल टैक्स माफ किया जाए क्योंकि गांव के कार्य को लेकर कई बार आना जाना पड़ता है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती तो हम सरकार के किसी भी कार्य में सहयोग नही करेंगे। और अपना आंदोलन जारी रखेंगे। इस मौके पर जिलेभर की पंचायतों के सरपंच और पंच भी पहुंचे।