कौन है उद्धव ठाकरे को वा भाई जिससे रहा विवाद, बाला साहेब ने भी छोड़ दिया था अपने मझले बेटे का साथ

कौन है उद्धव ठाकरे को वा भाई जिससे रहा विवाद, बाला साहेब ने भी छोड़ दिया था अपने मझले बेटे का साथ

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) का आज (27, जुलाई) को जन्मदिन है। उनका जन्म 27 जुलाई 1960 को महाराष्ट्र में हुआ था। उद्धव, बालासाहेब ठाकरे के सबसे छोटे बेटे हैं। वो ठाकरे परिवार के पहले सदस्य थे जो मुख्यमंत्री बने।

हालांकि 2022 में हुए सियासी घटनाक्रम के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उद्धव ठाकरे सियासत में नहीं आना चाहते थे लेकिन 2002 के बाद वो सियासत में एक्टिव हो गए। उद्धव ठाकरे के जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट बता रहे हैं। आइए जानते हैं उद्धव के लाइफ से जुड़े कुछ अनछुए पहलू।

बालासाहेब ठाकरे के तीन बेटे थे। उद्धव ठाकरे उनमें से सबसे छोटे हैं। उद्धव शुरू से ही शांत स्वभाव के थे। हालांकि राजनीति में आने के बाद वो कई बार आक्रामक भाषण दे चुके हैं।

उद्धव ठाकरे राजनीति में नहीं आना चाहते थे। उन्हें वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी का शौक है। मुंबई में कई बार उनके क्लिक की हुए फोटोग्राफी की प्रदर्शनी लग चुकी है। 

उद्धव ठाकरे, ठाकरे परिवार के पहले ऐसे सदस्य हैं जो मुख्यमंत्री बने थे। इससे पहले ठाकरे परिवार के किसी सदस्य ने कोई चुनाव नहीं लड़ा था। इसके बाद भी मुंबई में ठाकरे परिवार का राज चलता था। 

उद्धव ठाकरे क्रिकेट  के भी शौकीन हैं। वह अपने पिता की तरह बॉलीवुड को भी बहुत पसंद करते हैं। कई फिल्मी स्टार के साथ उनके बहुत अच्छे रिलेशन हैं। 

महाराष्ट्र विधान परिषद का सदस्य बनने के लिए दिए गए हलफनामे के अनुसार, उनके पास करीब 143 करोड़ रुपए की संपत्ति है। इसमें चल और अचल संपत्ति शामिल है। लेकिन, बड़ी बात ये है कि उद्धव ठाकरे के पास खुद की कोई गाड़ी नहीं है। 

उद्धव ठाकरे का अपने संग भाई जयदेव ठाकरे के साथ संपत्ति विवाद भी चला था। जयदेव को बालासाहेब ठाकरे पसंद नहीं करते थे जिस कारण से उन्होंने अपनी संपत्ति में जयदेव को हिस्सा नहीं दिया था। 

बाला साहेब ठाकरे के तीन बेटे थे। बिंदूमाधव ठाकरे, जयदेव ठाकरे और उद्धव ठाकरे। बड़े बेटे की मौत कार हादसे में हुई थी। जयदेव से उनके रिश्ते खराब थे। जिस कारण उद्धव ठाकरे को बाला साहेब की विरासत मिली। 

बड़े बेटे की मौत के बाद उनकी बहू ने बालासाहेब और उद्धव ठाकरे से रिश्ता तोड़ दिया था। उद्धव ठाकरे को अपनी बेटी की शादी में भी नहीं बुलाया था शादी का सारा इंतजाम राज ठाकरे ने किया था।   

उद्धव ठाकरे ने राजनीति एंट्री 2002 में ली थी। उद्धव को तब बृहन मुंबई नगर निगम (BMC) में शिवसेना के चुनावी अभियान प्रभारी बनाया गया थी। इस चुनाव में पार्टी ने जीत हासिल की थी। उसके बाद उन्हें शिवसेना का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।

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