8 महीने से प्रेग्नेंट होने की 'उम्मीद' बनी थी, पर इस मुन्नाभाई MBBS ने ऐसा कांड कर दिया कि पति सदमे में है

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के आईवीएफ सेंटर (IVF Centre) में इलाज कराने गई महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। महिला को बच्चा नहीं हो रहा था। इसलिए वो IVF की मदद से बच्चे की ख्वाहिश लेकर फर्जी डॉक्टर के क्लिनिक चली गई थी।
कहा जा रहा है कि एक गलत इंजेक्शन ने महिला की जान चली गई। उसे एनेस्थीसिया(Anaesthesia) का ओवरडोज दे दिया गया था। इलाज के दौरान महिला का ब्रेन डेड हो गया था। इसके बाद उसे ग्रेटर नोएडा वेस्ट के यथार्थ अस्पताल में एडमिट करवाया गया था।
लेकिन 7 दिन कोमा में रहने के बाद उसकी मौत हो गई। जब मामला पुलिस में पहुंचा, तब डॉक्टर के फर्जी होने का पता चला। यह आईवीएफ सेंटर प्रियरंजन ठाकुर नामक व्यक्ति चला रहा था।
वो खुद को एमबीबीएस लिखता था। बिसरख पुलिस ने आरोपी फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस अब यह पता करने की कोशिश की रही है कि कहीं इस तरह और भी महिलाओं की तो मौत नहीं हुई?
8 महीने से चल रहा था इलाज
गौतमबुद्ध नगर पुलिस के अनुसार, 19 अगस्त 2022 को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख कोतवाली क्षेत्र में स्थित क्रिएशन वर्ल्ड आईवीएफ सेंटर में वसुंधरा गाजियाबाद की रहने वाली ललिता देवी इलाज कराने पहुंची थीं।
उनका यहां इलाज चल रहा था। ललिता के पति चंद्रभान ने पुलिस में दर्ज कराई FIR में लिखवाया कि आईवीएफ के MD प्रियरंजन ठाकुर राजेंद्र नगर (साहिबाबाद) की घोर लापरवाही से उनकी पत्नी कोमा में चली गई।
पुलिस ने प्रियरंजन ठाकुर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा लगाई है। पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी ने वर्ष 2005 में भूपेंद्र नारायण यूनिवर्सिटी बिहार से MBBS की डिग्री लेना बताया था। लेकिन यह फर्जी निकली। यूनिवर्सिटी ने इस तरीके की कोई भी डिग्री जारी नहीं करने की बात कही है।
पति ने सुनाई आपबीती
गाजियाबाद के वसुंधरा में रहने वाली ललिता की शादी चंद्रभान से हुई थी। शादी के कई साल बाद भी उसे बच्चा नही हो रहा था। कई जगह इलाज के बाद कपल ने IVF(इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) ट्रीटमेंट कराने का फैसला किया था।
चंद्रभान के अनुसार, जनवरी में वो ललिता को लेकर ईको विलेज-2 के क्रिएशन वर्ल्ड IVF सेंटर पहुंचे थे। प्रियरंजन ठाकुर ने सुरक्षित इलाज का भरोसा दिया था। प्रियरंजन ठाकुर की देख-रेख में सेंटर के डॉ. सुशील लखनपाल ललिता का इलाज कर रहे थे।सब कुछ ठीक चल रहा था।
लेकिन अब उसकी मौत हो गई। डॉक्टर ने 19 अगस्त को ललिता को सेंटर पर बुलाया। यहां बेहोश करने की दवा की ओवरडोज दे दी। 26 अगस्त को इलाज के दौरान ललिता की मौत हो गई थी।
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