40 की उम्र में अधिक बच्चे पैदा करने के मुस्लिम फॉर्मूले पर सरमा ने कही ये बात-बच्चे बदरुद्दीन पालें

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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

गुवाहाटी। असम की पॉलिटिकल पार्टी AIUDF के प्रेसिडेंट और धुबरी से सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल हिंदुओं को 40 की उम्र के बाद अधिक बच्चे पैदा करने के लिए 'मुस्लिम फॉर्मूला' बताकर फजीहत की वजह बन गए हैं।

उनके इस गैर जिम्मेदाराना बयान की कड़ी आलोचना हो रही है। अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी उन्हें खरी-खरी सुना दी है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...

अजमल उठाएं बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी

पहले जानते हैं कि अजमल ने क्या कहा था? गुजरात विधानसभा चुनाव के गर्म माहौल (Gujarat Assembly Election) के बीच AIUDF  के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने असम के करीमगंज में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि, "वो (हिंदू) 40 साल से पहले गैरकानूनी तरीके से 2-3 बीवियां रखते हैं।

40 साल के बाद उनमें बच्चा पैदा करने की क्षमता कहां रहती है। उनको मुसलमानों के फॉर्मूले को अपनाकर अपने बच्चों की 18-20 साल की उम्र में शादी करा देनी चाहिए।"

इस पर असम के मुख्यमंत्री ने कड़ा जवाब देते हुए कहा कि महिलाएं बच्चे पैदा करने की मशीन नहीं हैं। सरमा ने आरोप लगाया कि अजमल सिर्फ वोट बैंक के लिए एक वर्ग विशेष को खुश करने में लगे हैं।

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर महिलाएं अधिक बच्चे पैदा करती हैं, तो अजमल इन बच्चों के बड़े होने तक उनकी परवरिश का खर्चा उठाएं।

सरमा ने यह भी कहा कि वे मुस्लिम बहनों से कहना चाहेंगे कि बदरुद्दीन की बातों पर ध्यान न दें। दो से अधिक बच्चे पैदा न करें। क्योंकि इसका असर शरीर पर पड़ता है। सरमा ने कहा कि इसका असर समाज पर भी पड़ेगा और असम तबाह हो जाएगा।

हालांकि अजमल ने शर्मिंदगी जताई थी

यह अलग बात है कि अपने बयान को लेकर फजीहत होती देख अजमल ने माफी मांगी थी। उन्होंने तर्क दिया कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया था।

वे अपने बयान से शर्मिंदा हैं। बता दें कि अजमल के खिलाफ असम में कई जगह पुलिस में शिकायतें की गई हैं। टीएमसी ने अजमल की विवादित टिप्पणी के पीछे भाजपा की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए गुवाहाटी में उनका पुतला फूंका था।

इधर जावेद अख्तर ने कह दी ये बड़ी बात

फिल्म लेखक और गीतकार जावेद अख्तर अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। कोई भी राष्ट्रीय मुद्दा हो, वे अपनी राय अवश्य रखते हैं। अब उन्होंने कॉमन सिविल कोड बिल(Uniform Civil Code-UCC) पर एक ऐसी सलाह दी है, जो वायरल है।

जावेद अख्तर ने मुस्लिम पर्सनल लॉ को आड़े हाथों लेते हुए कहा-"मुस्लिम पर्सनल लॉ में एक से ज्यादा बीवी रखने की इजाजत है, जो समानता के खिलाफ है। अगर पति कई पत्नियां रख सकता है तो फिर औरत को भी यही हक मिलना चाहिए।

अख्तर ने दो टूक कहा कि एक से ज्यादा शादी करना हमारे कानून के खिलाफ है। अगर कोई अपनी रिवायतें बरकरार रखना चाहे, तो रखे, लेकिन संविधान से कोई समझौता बर्दाश्त नहीं होगा।

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