धनखड़ ने कहा था कि 5000 लोगों को अवैध तरीके से जॉब दी गई, तीन हफ्ते बाद ED ने ताबड़तोड़ छापे मारे

धनखड़ ने कहा था कि 5000 लोगों को अवैध तरीके से जॉब दी गई, तीन हफ्ते बाद ED ने ताबड़तोड़ छापे मारे

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के सनसनीखेज शिक्षक भर्ती घोटाले (Teacher Recruitment Scam) ने 'ममता बनर्जी सरकार' पर मुसीबत का पहाड़ तोड़ दिया है। काफी नानुकुर के बाद उन्हें इस मामले में ED द्वारा गिरफ्तार पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से बर्खास्त करना पड़ा है।

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार की नींव हिलाने वाले कुख्यात 'शिक्षक भर्ती घोटाले' की इस समय देशभर में चर्चा है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस घोटाले को उजागर करने का 'श्रेय' गवर्नर जगदीप धनखड़ को जाता है।

बता दें कि धनखड़ NDA की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार है। ऐसा क्यों प्रचारित किया जा रहा है और अब ममता बनर्जी क्यों गुस्से में हैं, पढ़िए एक रिपोर्ट...

बंगाल की जो हालत है, उसमें सांस लेना मुश्किल है

ममता बनर्जी और जगदीप धनखड़(Jagdeep Dhankhar) के बीच तनातनी जाहिर है। जुलाई के शुरुआत में धनखड़ इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वहां उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि पश्चिम बंगाल ज्वालामुखी पर बैठा है।

बंगाल काफी क्रिटिकल स्टेज पर है। बंगाल में डेमोक्रेसी नहीं है। बंगाल की जो हालत है, उसमें सांस लेना मुश्किल है। धनखड़ ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में रिक्रूटमेंट स्कैम चल रहा है।

उन्होंने कहा था कि वे  कोई ऐसी बात नहीं करेंगे, जो दस्तावेजों में नहीं हो। पश्चिम बंगाल में रिक्रूटमेंट को लेकर भ्रष्टाचार मचा हुआ है। धनखड़ ने हाईकोर्ट के एक आदेश का भी हवाला देकर कहा था-हाईकोर्ट ने भी इसे अपने ऑब्जर्वेशन में कहा था कि जो लोग रिक्रूटमेंट की प्रक्रिया में शामिल भी नहीं हुए, उन्हें नौकरी दे दी गई।

धनखड़ ने खुलासा किया था कि उन्हें जो डॉक्यूमेंट्स भेजे गए उसके हिसाब से 5000 लोगों को अवैध तरीके से जॉब दे दी गई।

और इस इंटरव्यू के कुछ दिनों बाद ED की एंट्री

इस इंटरव्यू के दो-तीन हफ्ते में ही बंगाल में घोटाला उजागर होने से बवाल हो उठा। TMC शुरू से ही इस मामले में धनखड़ का नाम घसीटती आ रही है।

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने आशंका जताई कि धनखड़ की धमकी के कारण ही ये गिरफ्तारियां हुईं? घोष ने एक घटना का जिक्र करते हुए कि पिछले दिनों तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने धनखड़ से मुलाकात की थी।

बातचीत के दौरान धनखड़ कुछ सीरियस हुए और फिर कहा कि वे पार्थ चटर्जी को देख लेंगे। दरअसल, पार्थ चटर्जी ने धनखड़ की पत्नी को लेकर बयान दिया था। इससे वे नाराज थे। धनखड़ ने साफ कहा था-मैं पार्थ चटर्जी को छोडूंगा नहीं।”

घोटाले के बाद बुरी तरह फंसी ममता ने फिर उछाला हवाला जैन मामला

शिक्षक भर्ती घोटाले से संकट में घिरीं ममता बनर्जी जगदीप धनखड़ को लेकर फिर आक्रामक हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 990 के दशक में हवाला घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि चार्जशीट में धनखड़ का नाम था।

हालांकि धनखड़ ने एक बार फिर ममता के आरोपों को नकारते हुए कहा कि वे झूठ और गलत सूचना फैलाती हैं। ममता बनर्जी ने यह मामला फिर उछालते हुए मीडिया से कहा कि उन्हें एक पत्रकार ने बताया कि राज्यपाल का नाम 1996 के हवाला जैन मामले की चार्जशीट में था।

लेकिन वे अदालत गए और अपने नाम हटवा लिया। आप और क्या जानना चाहते हैं? वे एक भ्रष्ट आदमी हैं। मुझे यह कहते हुए खेद हो रहा है कि केंद्र सरकार ने राज्यपाल को इस तरह से अनुमति क्यों दी है? अगर केंद्र को हवाला जैन मामले के बारे में पता नहीं है, तो कहूंगी कि चार्जशीट निकालो। उनका नाम था या नहीं?”

हालांकि ममता बनर्जी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद धनखड़ ने राजभवन में मीडिया से चर्चा की। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री द्वारा लगाए गए आरोपों में जरा भी सच्चाई नहीं है। मैंने हवाला चार्जशीट में किसी भी अदालत से कोई स्टे नहीं लिया है।

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे गलत सूचना फैला रही हैं। बता दें कि जैन हवाला मामला 1990 के दशक में एक राजनीतिक और वित्तीय घोटाला था, जिसमें हवाला चैनलों के माध्यम से धन विभिन्न दलों के शीर्ष राजनेताओं को दिए जाने का दावा किया गया था।

लोगों का नाम लिया गया, उनमें लालकृष्ण आडवाणी, वीसी शुक्ला, शरद यादव और अन्य शामिल हैं। अदालत को आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला था, लिहाजा उन्हें बरी कर दिया गया।

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