साइरस मिस्त्री केस: स्टीयरिंग लॉक हुआ था या कुछ और, हॉन्गकॉन्ग से पहुंची मर्सिडीज के एक्सपर्ट ने की जांच

साइरस मिस्त्री केस: स्टीयरिंग लॉक हुआ था या कुछ और, हॉन्गकॉन्ग से पहुंची मर्सिडीज के एक्सपर्ट ने की जांच

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

मुंबई। टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry died in road accident) की एक कार एक्सीडेंट में मौत एक बड़ा सवाल खड़ा कर गई है। इस मौत की गुत्थी सुलझाने हॉन्ग कॉन्ग से मर्सिडीज के एक्सपर्ट की एक टीम 13 सितंबर को ठाणे में कंपनी के शोरूम पहुंची।

टीम जल्द मर्सिडीज बेंज कंपनी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। बता दें कि महाराष्ट्र के पालघर में 4 सितंबर को दोपहर 3.15 बजे टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गई थी।

कार डिवाइडर से टकराई थी। इससे पीछे की सीट पर बैठे साइरस मिस्त्री और उनके को-पैसेंजर जहांगीर पंडोले दोनों की मौत हो गई थी। उन दोनों ने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी थी।

इससे पहले कार निर्माता ने कहा कि टीम को जहां भी आवश्यकता होगी, वो पुलिस की जांच में मदद करेगी। दरअसल, पुलिस ने सवाल उठाया था कि दुर्घटनाग्रस्त एसयूवी में एयरबैग दुर्घटना के समय क्यों नहीं खुले थे? क्या व्हीकल में कोई मैकेनिकल खराबी थी? कार का ब्रेक फ्लुइड क्या था? टायर का दबाव क्या था? कंपनी ने कहा कि ग्राहक गोपनीयता का सम्मान करने वाले एक जिम्मेदार ब्रांड के रूप में हमारी टीम जहां संभव है, वहां अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही है और हम आवश्यकतानुसार सीधे उन्हें जवाब देंगे।

पुलिस ने कहा था कि ये वाहन उचित परीक्षण के बाद ही प्लांट से बाहर निकलते हैं। ऐसी स्थिति में क्या टक्कर के बाद स्टीयरिंग लॉक हो गया था? पुलिस कंपनी से इस सवाल का जवाब जानना चाहती है।

हादसे से जुड़ीं महत्वपूर्ण बातें

हादसा अहमदाबाद-मुंबई हाईवे (NH-98) पर डिवाइडर से गाड़ी के टकराने से हुआ था। कार 100 KMPH की स्पीड से दौड़ रही थी। कार की जांच के बाद मर्सिडीज कंपनी ने शुरुआती जांच  रिपोर्ट में यह जानकारी दी थी।

कंपनी की रिपोर्ट में बताया है कि कार टकराने से 5 सेकेंड पहले डॉक्टर अनायता पंडोले ने ब्रेक लगाए थे, जिससे कार की स्पीड घटकर 89 KMPH पर आ गई थी। इस रिपोर्ट के बाद डिटेल्ड जांच के लिए हॉन्गकॉन्ग से मर्सिडीज की एक्सपर्ट टीम पहुंची।

इससे पहले, IIT खड़गपुर की फोरेंसिक टीम ने भी हादसे के लिए हाईवे पर बने सूर्या नदी के पुल की खराब डिजाइन को जिम्मेदार बताया था। जबकि शुरुआती जांच में पुलिस ने तर्क दिया था कि ओवर स्पीडिंग और ओवरटेकिंग के दौरान जजमेंट में हुई गलती से यह हादसा हुआ।

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