दूसरे नाम से PFI को खड़ा करने की साजिश का भंडाफोड़, केरल में NIA की फिर बड़े स्तर पर छापेमारी

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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

तिरुवनन्तपुरम। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) के हर ठिकाने को नेस्तनाबूत करने राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA) ने एक बार फिर केरल में बड़े स्तर पर छापामार कार्रवाई की है। पीएफआई नेताओं के 58 ठिकानों पर छापमारी की गई है।

हालांकि यह संख्या अलग-अलग सामने आई है एनआईए के एक सीनियर आफिसर के मुताबिक सूचना थी कि PFI के कुछ नेता किसी दूसरे नाम से संगठन तैयार करने की कोशिश कर रहे थे। पढ़िए पूरी डिटेल्स..


कई जगहों पर छापेमारी, 28 सितंबर को लगाया था बैन

सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी गुरुवार तड़के 4 बजे शुरू हुई। 28 सितंबर को लगाए गए राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध( nationwide ban) से पहले 11 राज्यो में बड़े पैमाने पर छापे के दौरान कई राज्यों में बड़ी संख्या में कथित पीएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है।

सूत्रों के अनुसार, केरल के एर्नाकुलम में 8 जगहों पर कार्रवाई हो रही है। तिरुवनंतपुरम में 6 जगहों पर रेड डाली गई है। त्रिवेंद्रम पुरम समेत कई अन्य लोकेशन पर भी एक्शन लिया गया है। बता दें कि पीएफआई का गठन साल 2006 में केरल में हुआ था।

इसने 2009 में एक राजनीतिक मोर्चा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया का भी गठन किया था। केंद्र सरकार ने 28 सितंबर को कड़े आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए(anti-terror law UAPA) के तहत पीएफआई और उसके कई सहयोगी संगठनों पर ISIS जैसे ग्लोबल टेरर ग्रुप्स के साथ लिंक होने का आरोप लगाते हुए 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। (File Photo)

PFI पर बैन के बाद शिकंजा

PFI पर बैन के बाद से इससे जुड़े हर छोटे-बड़े नेताओं पर शिकंजा कसा जा रहा है। केरल में एनआईए यह एक और बड़ा ऑपरेशन इसी का हिस्सा है। एनआईए पीएफआई के दूसरी पंक्ति के नेताओं की कमर तोड़ने में लगी है। प्रतिबंध लगने के बाद से पीएफआई ईडी और एनआईए के रडार पर है।

पिछले दिनों एनआईए ने तमिलनाडु के नेलापट्टई के एक ड्राइवर के घर पर छापेमारी की थी। पीएफआई से संबंध रखने के आरोप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने ऑटो चालक उमर शरीफ के घर की तलाशी ली थी। अधिकारियों ने खुलासा किया कि उसके घर से हथियार मिले थे। 

PFI के पूर्व अध्यक्ष को कोर्ट ने नहीं दी थी हाउस अरेस्ट की अनुमति

19 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया था। निचली अदालत(trial court) के आदेश के खिलाफ प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India-PFI) के पूर्व अध्यक्ष ई अबूबकर( E Abubacker) की याचिका( plea) पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी।

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जेल में बंद अबू अबूबकर को इलाज मुहैया कराया जाएगा, लेकिन उन्हें हाउस अरेस्ट में नहीं रखा जाएगा। पिछले महीने वकील ने कहा था कि 70 वर्षीय अबूबकर को कैंसर और पार्किंसंस रोग है। वह बहुत दर्द में हैं, जिसके लिए तत्काल चिकित्सकीय देखरेख की जरूरत है।

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