भाई को इस समय भूलकर भी ना बांधे राखी,भद्रा साया से हो सकती है अनहोनी

भाई को इस समय भूलकर भी ना बांधे राखी,भद्रा साया से हो सकती है अनहोनी

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

मुंबई ।  रक्षाबंधन  का पर्व श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार राखी का पर्व 11 अगस्त को है। यह पर्व भाई-बहन के आपसी प्रेम का प्रतीक है। राखी बांधकर बहने अपनी भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई रक्षा करने का वचन देता है। हिंदू पंचाग के अनुसार बहन को भाई की कलाई पर राखी शुभ मुहूर्त में बांधनी चाहिए। भद्रकाल में भाई को राखी बांधने की गलती करनी चाहिए। इस बार भी रक्षाबंधन के दिन भद्रकाल लगने वाला है। आइए बताते हैं  इस साल रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त,तिथि,भद्राकाल का समय कब से शुरू होगा।

रक्षाबंधन 2022 शुभ मुहूर्त
इस बार राखी 11 अगस्त को मनाया जाना है। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 9.28 बजे से रात 9.14 बजे तक रहेगा। लेकिन इसके बीच में भद्राकाल भी होगा तो उस टाइम पर राखी नहीं बांधनी चाहिए।

रक्षाबंधन पर कब रहेगा भद्रा का साया
इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया भी होगा। भद्रा पुंछ 11 अगस्त गुरुवार को शाम 5.17 बजे से शुरू होगा और 6.18 बजे तक रहेगा। इसके बाद भद्रा मुख शाम 6.18 बजे से रात 8 बजे तक रहेगा। भद्राकाल पूर्ण रूप से रात 8.51 बजे खत्म होगा। यानी इस दौरान भाई को राखी नहीं बांधनी चाहिए। मतलब शाम 5.17 से लेकर 8.51 बजे तक भाई को राखी बांधने से बचें।  

भद्रा में क्यों नहीं बांधी जाती राखी
भद्रा काल में राखी नहीं बांधने को लेकर एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि लंकापति रावण की बहन ने भद्राकाल में ही कलाई पर राखी बांधी थी। जिसके बाद रावण का एक साल के अंदर विनाश हो गया। राम ने रावण का वध कर दिया था। कहा जाता है कि भद्रा शनिदेव की बहन थी। उन्हें ब्रह्मा जी से यह श्राप मिला था कि जो भी भद्रा में शुभ या मांगलिक करेगा उसका परिणाम अशुभ ही होगा। इसलिए लोग भद्राकाल में कोई भी शुभ काम करने से बचते हैं।

इसके अलावा एक और कथा है कि भगवान सूर्यदेव और माता छाया की बेटी भद्रा है। जब उनका जन्म हुआ तो वो पूरी सृष्टि में तबाही मचाने लगीं। वो सृष्टि को निगलने वाली थी। जिसे रोका गया। इसलिए उन्हें विनाश करने वाला कहा जाता है। 

यह भी पढ़ें :    यह सात जंक फूड सेहत के लिए है फायदेमंद, बस इस तरह करें इनका सेवन

Share this story