विजयदशमी 2023: रावण दहन के लिए द्वारका रामलीला मैदान पहुंचे PM मोदी, बोले- अगली रामनवमी रामलला मंदिर में मनाई जाएगी

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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

नई दिल्ली । देशभर में आज विजयदशमी का त्योहार मनाया जा रहा है। जगह-जगह दशहरे के उपलक्ष्य में रावण दहन की तैयारी है। दिल्ली में भी कई जगहों पर रावण दहन होता है। इस कड़ी में पीएम मोदी द्वारका रामलीला ग्राउंड में रावण दहन करेंगे। यहां रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों के अलावा चौथा पुतला एक राक्षस का भी बनाया गया है, जो महिलाओं के खिलाफ अपराध करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के द्वारका रामलीला मैदान दशहरा महोत्सव के लिए पहुंच गए हैं।

विजयदशमी के दिन लाल किला मैदान में होने वाली श्री धार्मिक लीला कमेटी की रामलीला में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंची। वहीं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लाल किला मैदान में आयोजित लवकुश रामलीला में रावण दहन करने पहुंचे। दिल्ली के लाल किला ग्राउंड में लवकुश रामलीला द्वारा सनातन धर्म के विरोधियों का पुतला भी बनाया गया है। कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल वीके सक्सेना और अभिनेत्री कंगना रनौत बतौर चीफ गेस्ट पहुंचेंगे।

 


 

द्वारका रामलीला ग्राउंड पहुंचे पीएम मोदी ने कहा, “मैं समस्त भारतवासियों को विजयादशमी पर्व की शुभकामनाएं देता हूं। ये पर्व अन्याय पर न्याय की विजय पर्व है। ये अत्याचारी रावण पर भगवान श्री राम के विजय का पर्व है। हम इसी भावना के साथ हर वर्ष रावण दहन करते हैं। ये पर्व हमारे लिए संकल्पों का पर्व है, अपने संकल्पों को दोहराने का पर्व है।”

भगवान श्री राम आने ही वाले हैं- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, “राम मंदिर में भगवान राम के विराजमान होने में बस कुछ ही महीने बचे हुए हैं भगवान श्री राम आने ही वाले हैं। राम के आने के उत्सव की शुरुआत तो विजयादशमी से ही शुरू हो गई थी।” उन्होंने कहा, “आज हमें सौभाग्य मिला है कि हम भगवान राम का भव्यतम मंदिर बनता देख पा रहे हैं। अयोध्या की अगली रामनवमी पर रामलला के मंदिर में गूंजा हर स्वर, पूरे विश्व को हर्षित करने वाला होगा। राम मंदिर में भगवान राम के विराजने को बस कुछ महीने बचे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार हम विजयादशमी तब मना रहे हैं, जब चंद्रमा पर हमारी विजय को दो महीने पूरे हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि विजयादशमी पर शस्त्र पूजा का भी विधान है। भारत की धरती पर शस्त्रों की पूजा किसी भूमि पर आधिपत्य नहीं, बल्कि उसकी रक्षा के लिए की जाती है।

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