सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उद्धव गुट की शिवसेना के नाम-निशान से जुड़ी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया

शिवसेना के नाम-निशान पर तुरंत सुनवाई नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उद्धव गुट की शिवसेना के नाम-निशान से जुड़ी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तत्काल सुनवाई की मांग की थी।कोर्ट ने कहा कि इसकी एक प्रक्रिया होती है। इसके तहत कल फिर से याचिका दाखिल करें।

दरअसल, चुनाव आयोग के शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान निशान देने के फैसले के खिलाफ उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उद्धव गुट की शिवसेना के नाम-निशान से जुड़ी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तत्काल सुनवाई की मांग की थी।कोर्ट ने कहा कि इसकी एक प्रक्रिया होती है। इसके तहत कल फिर से याचिका दाखिल करें।

दरअसल, चुनाव आयोग के शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान निशान देने के फैसले के खिलाफ उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। उधर, शिंदे गुट के विधायकों ने सोमवार सुबह विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर से मुलाकात की और विधानसभा के शिवसेना कार्यलय पर दावा किया और फिर अपनी कस्टडी में ले लिया।

शिंदे गुट के मुख्य सचेतक भरत गोगावले अन्य विधायकों के साथ विधानसभा पहुंचे, यहां उन्होंने स्पीकर राहुल नार्वेकर से मुलाकात की।

शिंदे गुट के मुख्य सचेतक भरत गोगावले अन्य विधायकों के साथ विधानसभा पहुंचे, यहां उन्होंने स्पीकर राहुल नार्वेकर से मुलाकात की।

ठाकरे गुट का दावा- शिवसेना का नाम खरीदने के 2000 करोड़ का सौदा हुआ
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने दावा किया है कि शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न तीर कमान को खरीदने के लिए 2000 करोड़ रुपए का सौदा हुआ है। राउत ने रविवार काे सोशल मीडिया में लिखा कि 2,000 करोड़ रुपए एक शुरुआती आंकड़ा है और यह पूरी तरह सच है।

राउत ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के करीबी एक बिल्डर ने यह जानकारी साझा की है। इसका खुलासा वे जल्द करेंगे। वहीं, राउत के इस बयान पर सीएम एकनाथ शिंदे के विधायक सदा सर्वंकर ने पूछा कि क्या उस डील के कैशियर संजय राउत हैं?

पार्टी और निशान छिनने पर उद्धव बोले- अब जंग शुरू
उद्धव ठाकरे ने शनिवार को अपने समर्थकों से कहा कि गली-गली में जाकर लोगों को बताइये कि पार्टी का चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ चोरी हो गया है। CM एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि चोर को सबक सिखाने की जरूरत है। वह पकड़ा गया है। मैं चोर को तीर-कमान लेकर मैदान में आने की चुनौती देता हूं और हम एक जलती हुई मशाल से उसका मुकाबला करेंगे। 

चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना बताया था
चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना बताते हुए शुक्रवार शाम शिवसेना का नाम और तीर-कमान का निशान इस्तेमाल करने की इजाजत दी है। आयोग ने पाया था कि शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है। उद्धव गुट ने बिना चुनाव कराए अपनी मंडली के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से पदाधिकारी नियुक्त करने के लिए इसे बिगाड़ा।

 

चुनाव आयोग ने यह भी पाया था कि शिवसेना के मूल संविधान में अलोकतांत्रिक तरीकों को गुपचुप तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई। इन तरीकों को चुनाव आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था। पार्टी की ऐसी संरचना भरोसा जगाने में नाकाम रहती है।

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