थरूर बोले- भारत जोड़ो यात्रा से भाजपा घबराई:2024 चुनाव में बहुमत हासिल नहीं कर पाएगी; कांग्रेस चीफ होता तो छोटे दलों को आगे लाता

कांग्रेस सांसद शशि थरूर

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को हराने के लिए विपक्षी दलों के एकजुट होने के कयास लगाए जा रहे हैं। इसी्र बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि अगर वह पार्टी नेतृत्व में शामिल होते तो छोटे दलों को आगे लाते, ताकि BJP को हराया जा सके।

न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए थरूर ने कहा कि लोकसभा से राहुल को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद विपक्षी एकता की लहर आई है। यह लहर चौंकाने वाली है। विपक्षी दलों को समझ आने लगा है कि एकता मजबूत बनाती है और फूट हमें कमजोर करती है।

विपक्षी दल साथ आए तो भाजपा बहुमत हासिल नहीं कर पाएगी
थरूर ने कहा कि 2024 में अगर अधिकांश विपक्षी दल एक साथ आ जाते हैं और एक-दूसरे के वोटों को आपस में नहीं बांटते तो भाजपा के लिए बुरी खबर हो सकती है। इस फॉर्मूले से BJP को 2024 के चुनावों में बहुमत हासिल करना कठिन होगा। BJP ने 2019 के चुनावों में केवल 37 प्रतिशत वोटों के साथ, लेकिन लोकसभा की 60 प्रतिशत से अधिक सीटों के साथ जीत हासिल की। बाकी वोट 35 विजयी दलों को गए।

BJP के लिए राहुल खतरा
शशि थरूर ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि BJP इस यात्रा से घबरा गई है। सालों तक BJP ने राहुल गांधी का मजाक उड़ाने की कोशिश की, लेकिन अब उन्हें एहसास हुआ कि वह उनके लिए एक गंभीर खतरा हैं।

200 सीटों पर BJP- कांग्रेस में सीधा मुकाबला
जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस वह आधार होगी, जिसके इर्द-गिर्द 2024 में भाजपा का मुकाबला करने के लिए विपक्षी गठबंधन बनाया जा सकता है। इस पर थरूर ने कहा कि निष्पक्ष रूप से हम राष्ट्रीय पदचिह्न वाली एकमात्र विपक्षी पार्टी हैं। लगभग 200 सीटें हैं, जहां चुनाव होंगे। कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह 1970 के दशक में अपनी दादी, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ राहुल गांधी की अयोग्यता में समानता देखते हैं। इस सवाल पर थरूर ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस 'निंदनीय अयोग्यता और जेल की सजा' के बाद जनता की सहानुभूति राहुल गांधी के साथ है। उन्होंने कहा कि लोग महसूस करते हैं कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है कि प्रमुख विपक्षी दल के प्रमुख नेता को जेल की सजा दी जाए और संसद में आवाज न उठाने दिया जाए।

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