कर्नाटक में 10 लाख से अधिक की आय पर अब मंदिरों को भी टैक्स देना होगा

Siddaramaiah
भाजपा ने इसे हिंदू विरोधी कदम बताते हुए सिद्दरमैया सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा का कहना है कि राज्य की कांग्रेस सरकार हिंदू विरोधी नीतियां अपनाकर मंदिरों के पैसे से अपना खजाना भरना चाहती है। वहीं, अब इस मामले पर सीएम सिद्दरमैया का बयान सामने आया है। 

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

बेंगलुरु। कर्नाटक में 10 लाख से अधिक की आय पर अब मंदिरों को भी टैक्स देना होगा। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने इस संबंध में विधानसभा में कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक 2024 पारित कर दिया है।

वहीं, विधेयक के पारित होने के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर नया विवाद शुरू हो गया है।

मामले को गलत तरीके से किया गया पेशः सीएम सिद्दरमैया

भाजपा ने इसे हिंदू विरोधी कदम बताते हुए सिद्दरमैया सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा का कहना है कि राज्य की कांग्रेस सरकार हिंदू विरोधी नीतियां अपनाकर मंदिरों के पैसे से अपना खजाना भरना चाहती है। वहीं, अब इस मामले पर सीएम सिद्दरमैया का बयान सामने आया है। उन्होंने भाजपा पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इस मामले को गलत तरीके से पेश किया गया है।

 

भाजपा लोगों को कर रही है गुमराहः सीएम

सीएम सिद्दरमैया ने भाजपा पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक आधार पर लोगों का ध्रुवीकरण करना चाह रही है। उन्होंने भाजपा पर देश के युवाओं को भड़काने और राजनीतिक लाभ उठाने का भी आरोप लगाया।

भाजपा ने खोला मोर्चा

उधर, भाजपा ने इसे हिंदू विरोधी कदम बताते हुए सिद्दरमैया सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा का कहना है कि राज्य की कांग्रेस सरकार हिंदू विरोधी नीतियां अपनाकर मंदिरों के पैसे से अपना खजाना भरना चाहती है। इस विधेयक में प्रविधान है कि कर्नाटक में एक करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वाले मंदिरों से 10 प्रतिशत टैक्स वसूला जाएगा। वहीं, जिन मंदिरों की कमाई 10 लाख से एक करोड़ रुपये के बीच है, उन्हें पांच प्रतिशत टैक्स देना होगा।

कांग्रेस पर हमलावर हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विजयेंद्र

कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि सिद्दरमैया सरकार हिंदू विरोधी है। आखिर हिंदुओं के धार्मिक स्थलों से ही टैक्स की वसूली क्यों, अन्य धार्मिक स्थलों से क्यों नहीं? उन्होंने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा कि कांग्रेस ने अब हिंदू मंदिरों के राजस्व पर भी अपनी कुदृष्टि डाल दी है।

कांग्रेस ने अपने खाली खजाने को भरने के लिए हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक पारित किया है। इस धन का इस्तेमाल कांग्रेस दूसरे उद्देश्यों के लिए करना चाहती है। येदियुरप्पा ने कहा कि श्रद्धालुओं द्वारा दिया जाने वाला चंदा मंदिरों के पुनर्निर्माण और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने में ही प्रयोग होना चाहिए। इसका अन्यत्र इस्तेमाल लोगों की आस्था से धोखा होगा।

भाजपा के आरोपों को कांग्रेस ने नकारा

भाजपा के आरोपों को नकारते हुए कर्नाटक के मंत्री रामालिंगा रेड्डी ने कहा कि उनकी सरकार ने लगातार हिंदू मंदिरों और हिंदू हितों को सुरक्षित किया है। भाजपा बेवजह धर्म को लेकर राजनीति कर रही है।

सरकार पर दोहरा नजरिया अपनाने का है आरोप

बता दें कि पिछले दिनों पेश बजट में भी कर्नाटक सरकार ने वक्फ बोर्ड को 100 करोड़ और ईसाई समुदाय को 200 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। भाजपा ने तब भी आरोप लगाया था कि सरकार ने हिंदू मंदिरों से ही करीब 445 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया मगर हिंदू मंदिरों के लिए महज 100 करोड़ रुपये ही आवंटित किए गए।

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