तमिल नेता नेदुमारन का दावा- जिंदा है LTTE चीफ प्रभाकरन, जल्द आएंगे सामने, 14 साल पहले घोषित किया गया था मृत

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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ 

तंजावुर । तमिल राष्ट्रवादी आंदोलन के नेता पाझा नेदुमारन ने सोमवार को दावा किया कि लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल एलम (LTTE) के नेता वेलुपिल्लई प्रभाकरन जिंदा है। वह जल्द सबके सामने आएंगे। श्रीलंका की सरकार ने 14 साल पहले प्रभाकरन को मृत घोषित किया था।

तंजावुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नेदुमारन ने दावा किया कि लिट्टे नेता के लिए खुलकर सामने आने का समय हो गया है। वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। उनकी मौत की 'अफवाहों' पर अब विराम लगना चाहिए। नेदुमारन ने दुनिया भर में मौजूद लोगों से आग्रह किया कि वे प्रभाकरन को अपना समर्थन दें। उन्होंने कहा कि प्रभाकरन जल्द तमिलों की बेहतरी के लिए कार्रवाई की घोषणा करेंगे। नेदुमारन ने कहा, “प्रभाकरन के स्वस्थ होने से मैं बहुत खुश हूं। वह सबके सामने आते हैं तो मैं जाकर मिलूंगा।”

 18 मई 2009 को हुई थी प्रभाकरन की मौत

गौरतलब है कि प्रभाकरन श्रीलंका के अलगाववादी संगठन लिट्टे के प्रमुख थे। उनके नेतृत्व में लिट्टे दुनिया की सबसे खूंखार गुरिल्ला सेना बन गई थी। उन्होंने श्रीलंका की सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। श्रीलंका की सरकार ने घोषित किया था कि प्रभाकरन को सैनिकों ने 18 मई, 2009 को उत्तरी मुलैथिवु जिले के मुल्लईवैक्कल में मार दिया।

प्रभाकरन का शव मिलने पर हुआ था गृहयुद्ध का अंत

प्रभाकरन का शव मिलने के बाद श्रीलंका में करीब ढाई दशक से चले आ रहे गृहयुद्ध का अंत हुआ था। हालांकि कुछ तमिल राष्ट्रवादी कट्टरपंथी प्रभाकरन की मौत को लेकर श्रीलंका सरकार द्वारा की गई घोषणा को सच नहीं मानते। उनका मानना है कि प्रभाकरन 2009 में युद्धभूमि से भाग गए थे। उनका दावा है कि वह अभी भी जिंदा है।

अलग देश की मांग कर रहा था LTTE

बता दें कि श्रीलंका में तमिल अल्पसंख्यक हैं। LTTE तमिल विद्रोहियों का संगठन था। उसकी मांग थी कि अलग तमिल राष्ट्र बनाया जाए। LTTE ने 1976 में विलिकाडे में नरसंहार कर अपनी हिंसक मौजूदगी दर्ज कराई थी। 80 के दशक में यह आतंकी संगठन बहुत मजबूत हो गया था।

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