NDA की 38 पार्टियों की मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा-वे साथ आ सकते लेकिन साथ चल नहीं सकते

NDA की 38 पार्टियों की मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा-वे साथ आ सकते लेकिन साथ चल नहीं सकते

 Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

 नई दिल्ली। विपक्षी पार्टियों की बेंगलुरू में बुलाई मीटिंग के बाद मंगलवार को एनडीए की 38 दलों की मीटिंग हुई। एनडीए के 38 दलों के कुनबे को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा गठबंधन टाइम टेस्टेड है। सभी जानते हैं कि एनडीए देश के विकास के लिए काम कर रहा है। सहयोगी दलों के प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोलते हुए काह कि नकारात्मकता पर बना गठबंधन कभी नहीं जीता है। नए गठबंधन I.N.D.I.A का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि जब कोई गठबंधन वंशवादी और भ्रष्ट होगा तो देश हार जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत में गरीबों, पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व एनडीए करता है।

मीटिंग में पहुंचे पीएम मोदी की अगवानी अध्यक्ष जेपी नड्डा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित कई प्रमुख नेताओं ने की। इसके बाद प्रधानमंत्री के मीटिंग हॉल में पहुंचने पर सभी दलों के प्रमुखों ने फूलों की विशालकाय माला पहनाकर स्वागत किया। बिहार के तीन दल इस बार एनडीए का हिस्सा बनकर पहुंचे थे। पिछली बार पटना में विपक्षी मीटिंग में शामिल हुए प्रफुल्ल पटेल भी एनडीए की मीटिंग में उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ पहुंचे थे।

नए गठबंधन I.N.D.I.A का नाम लिए बगैर किया विपक्ष पर हमला, एनडीए का मतलब समझाया

पीएम नरेंद्र मोदी ने नए गठबंधन I.N.D.I.A का नाम लिए बिना कहा कि जब कोई गठबंधन वंशवादी और भ्रष्ट होगा तो देश हार जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत में गरीबों, पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व एनडीए करता है। नए भारत के लिए एनडीए का एजेंडा बिल्कुल साफ है। हम विकसित राष्ट्र बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने एनडीए के बारे में कहा कि यह मजबूरी का नहीं बल्कि योगदान का गठबंधन है। पीएम मोदी ने NDA का मतलब बताते हुए कहा कि N का मतलब न्यू इंडिया (New India), D का मतलब है विकसित राष्ट्र (Developed Nation) और A का मतलब है लोगों की आकांक्षा (Aspiration of people)।

गांधी और अंबेडकर की कल्पना के अनुसार सामाजिक न्याय के लिए एनडीए कर रहा काम

पीएम मोदी ने कहा कि आज लोग देख रहे हैं कि कौन लोग एनडीए का हिस्सा हैं। वे शोषित और वंचित, आदिवासियों और पिछड़ों (शोषित और वंचित, आदिवासियों और पिछड़ों) के लिए काम करते हैं। एनडीए, देश के लोगों को समर्पित है। इसका आदर्श वाक्य है... पहले राष्ट्र, प्रगति पहले, पहले लोगों का सशक्तिकरण। एनडीए गांधी और अंबेडकर की कल्पना के अनुसार सामाजिक न्याय कर रहा है।

उन्होंने कहा कि जब हम गरीबों को मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल का आश्वासन देते हैं तो हम आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित करते हैं। एनडीए की योजनाओं ने गरीबी के दुष्चक्र को तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि मैं एमपी के एक आदिवासी गांव में गया और आदिवासी महिलाओं से मिला। उन्होंने मुझे बताया कि स्वयं सहायता समूहों की मदद से लखपति बन गई हैं। विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि केरल में वामपंथी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। लेकिन बेंगलुरु में वे एक-दूसरे को गले लगा रहे हैं। उनकी वास्तविकता लोग देख रहे हैं। वे साथ आ सकते हैं लेकिन साथ नहीं चल सकते।

पीएम मोदी के कार्यकाल का 9 साल पूरे होने पर बुलाई गई मीटिंग

एनडीए की यह मीटिंग, प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के नौ साल पूरे होने पर बुलाई गई। इस मीटिंग में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई। एनडीए आगामी लोकसभा चुनाव के पहले अपने कुनबे को बढ़ा रहा है।

कांग्रेस ने कसा तंज

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दिल्ली में पीएम मोदी की अगुवाई वाली एनडीए मीटिंग पर तंज कसते हुए कहा कि आखिर अचानक एनडीए की याद कैसे आ गई। पटना की मीटिंग के बाद ही भारतीय जनता पार्टी अब एनडीए का राग अलापने लगी है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी और बीजेपी को इस बार समर्थन नहीं मिलने वाला है। यही वजह है कि वे एनडीए को संगठित करने के बारे में सोच रहे हैं। 

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