लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न मिलेगा : मोदी ने कहा- देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता

LK Advani
आडवाणी ने भारत रत्न मिलने पर कहा- मैं अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ भारत रत्न स्वीकार करता हूं जो आज मुझे प्रदान किया गया है। यह न सिर्फ एक व्यक्ति के रूप में मेरे लिए सम्मान की बात है, बल्कि उन आदर्शों और सिद्धांतों के लिए भी सम्मान है, जिनकी मैंने अपनी पूरी क्षमता से जीवन भर सेवा करने की कोशिश की।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

नई दिल्ली।  भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी को 96 साल की उम्र में देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी।

वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और भाजपा के संस्थापक सदस्य नाना जी देशमुख के बाद ये सम्मान पाने वाले भाजपा के तीसरे नेता हैं। साथ ही अब तक भारत रत्न से सम्मानित लोगों में वे 50वीं शख्सियत हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर आडवाणी के साथ अपनी 2 तस्वीरें शेयर कीं और लिखा- मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मैंने उनसे बात भी की और उन्हें यह सम्मान दिए जाने पर बधाई दी।

2014 में सत्ता संभालने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा दिया गया यह सातवां भारत रत्न है। आडवाणी से पहले 23 जनवरी को बिहार के पूर्व CM कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने का ऐलान किया जा चुका है।

इसके अलावा मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है। केंद्र सरकार एक साल में 3 लोगों को यह सम्मान दे सकती है।

मोदी ने कहा- देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता
PM ने लिखा, 'वे हमारे समय के सबसे सम्मानित स्टेट्समैन हैं। देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता। उन्होंने जमीनी स्तर से काम शुरू किया था और वे देश के उपप्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। वे देश के गृहमंत्री और सूचना-प्रसारण मंत्री भी रहे।

उनकी संसदीय कार्यशैली हमेशा अनुकरणीय रहेगी।' 'सार्वजनिक जीवन में आडवाणी जी दशकों तक पारदर्शिता और अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्ध रहे। उन्होंने राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया है। उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अभूतपूर्व प्रयास किए हैं।

उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत मौके मिले।'

आडवाणी ने संस्कृत का मंत्र सुनाया और वाजपेयी को याद किया
आडवाणी ने भारत रत्न मिलने पर कहा- मैं अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ भारत रत्न स्वीकार करता हूं जो आज मुझे प्रदान किया गया है। यह न सिर्फ एक व्यक्ति के रूप में मेरे लिए सम्मान की बात है, बल्कि उन आदर्शों और सिद्धांतों के लिए भी सम्मान है, जिनकी मैंने अपनी पूरी क्षमता से जीवन भर सेवा करने की कोशिश की।

आडवाणी ने कहा- जब से मैं 14 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में शामिल हुआ, तब से मैंने केवल एक ही कामना की है। जीवन में मुझे जो भी कार्य सौंपा गया है, उसमें अपने देश की समर्पित और निस्वार्थ सेवा की। जिस चीज ने मेरे जीवन को प्रेरित किया है वह आदर्श वाक्य है 'इदं न मम' ─ 'यह जीवन मेरा नहीं है, मेरा जीवन मेरे राष्ट्र के लिए है।

'उन्होंने कहा, आज मैं उन दो व्यक्तियों को कृतज्ञतापूर्वक याद करता हूं जिनके साथ मुझे करीब से काम करने का सम्मान मिला - पंडित दीनदयाल उपाध्याय और भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी।आडवाणी ने सम्मान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी को भी धन्यवाद दिया। साथ ही भाजपा संघ और दिवंगत पत्नी कमला आडवाणी को भी याद किया।

आडवाणी के 94वें जन्मदिन पर पीएम मोदी ने उन्हें घर पहुंचकर शुभकामनाएं दी थीं।

आडवाणी के 94वें जन्मदिन पर पीएम मोदी ने उन्हें घर पहुंचकर शुभकामनाएं दी थीं।

2015 में आडवाणी को पद्म विभूषण सम्मान मिला
2015 में आडवाणी को देश के दूसरे सबसे नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसी साल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न दिया गया था। तब के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी खुद उनके घर गए थे और उन्हें यह सम्मान दिया।

वाजपेयी तब 90 साल के थे और अस्वस्थ थें। मुखर्जी ने प्रोटोकोल से हट कर पूर्व प्रधानमंत्री के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित निवास पर जाकर उन्हें भारत रत्न दिया। वाजपेयी के अलावा इसी साल महामना मदन मोहन मालवीय को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया था। 2019 में प्रणब मुखर्जी को भी भारत रत्न से सम्मानित किया।

2015 में आडवाणी को देश के दूसरे सबसे नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

2015 में आडवाणी को देश के दूसरे सबसे नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

भाजपा के फाउंडर मेंबर्स, 7वें उपप्रधानमंत्री रहे
आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची में हुआ था। 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उपप्रधानमंत्री रहे। इससे पहले 1998 से 2004 के बीच NDA सरकार में गृहमंत्री रहे। वे भाजपा के फाउंडर मेंबर्स में शामिल हैं।

 

आडवाणी की रथ यात्रा, कमान मोदी को मिली थी

आडवाणी ने 1987 में सोमनाथ से बिहार के समस्तीपुर तक की रथ यात्रा निकाली थी। उन्होंने इस यात्रा की जिम्मेदारी मोदी को सौंपी थी।

आडवाणी ने 1987 में सोमनाथ से बिहार के समस्तीपुर तक की रथ यात्रा निकाली थी। उन्होंने इस यात्रा की जिम्मेदारी मोदी को सौंपी थी।

राम मंदिर आंदोलन के लिए लालकृष्ण आडवाणी ने 63 साल की उम्र में गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली थी। 25 सितंबर 1990 से शुरू हुई इस यात्रा की कमान मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भाजपा के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन से संभाली थी।

यह आडवाणी की रथ यात्रा का ही कमाल था कि 1984 में दो सीट जीतने वाली भाजपा को 1991 में 120 सीटें मिली। इतना ही नहीं आडवाणी ने पूरे देश में एक हिन्दूवादी नेता के तौर पर पहचान बनाई। इसके अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार जैसे राज्यों में भाजपा को नई पहचान मिली।

इस यात्रा के बाद आडवाणी पूरे देश में हिंदूवादी नेता के तौर पर स्थापित हुए थे, लेकिन वह अपनी यात्रा पूरी नहीं कर पाए थे। उन्हें बिहार के समस्तीपुर में 23 अक्टूबर 1990 को अरेस्ट कर लिया गया था।

आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा पर किसने क्या कहा?

प्रतिभा आडवाणी (बेटी)
दादा को देश का सर्वोच्च सम्मान मिला है। मुझे और पूरे परिवार को इस बात की बहुत खुशी है। आज मुझे मेरी मां की बहुत याद आ रही है। दादा के निजी और राजनीतिक जीवन में मां का बहुत बड़ा योगदान रहा है। जैसे ही मुझे पता लगा और मैंने दादा को बताया तो वे बहुत खुश हुए। दादा ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगाया। जीवन के इस पड़ाव पर उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान मिला, इसके लिए पीएम मोदी, देश की जनता का धन्यवाद करते हैं।

अखिलेश यादव (सपा अध्यक्ष)
सभी सांसदों की टिकट कटने जा रही है। एक सांसद अपनी सीट बदलने जा रहे हैं। सोचिए, ऐसी परिस्थितियों में जिन्हें राजनीति करनी पड़ेगी तो वे क्या जीतेंगे। उन्हें (भाजपा को) दूसरों की चिंता ज्यादा है। उन्हें अपनी चिंता होनी चाहिए। यह भारत रत्न वोट को बांधने के लिए दिया जा रहा है। यह सम्मान में नहीं दिया जा रहा।

मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस अध्यक्ष)
लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न देने की जो घोषणा की गई है, हम उसका स्वागत करते हैं।

जयराम रमेश (कांग्रेस नेता)
2002 में लालकृष्ण आडवाणी ने गोवा में नरेंद्र मोदी का मुख्यमंत्री पद बचाया था। 2014 में गांधीनगर में आडवाणी ने कहा था- नरेंद्र मोदी मेरे शिष्य नहीं हैं, वे गजब के इवेंट मैनेजर हैं। जब मैं दोनों (लालकृष्ण आडवाणी और पीएम नरेंद्र मोदी) को देखता हूं तो मुझे ये दोनों बातें याद आ जाती हैं। लालकृष्ण आडवाणी ने 2014 में मोदी का वास्तविक चरित्र देश के सामने रखा था।

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