जम्मू-कश्मीर: आतंकी हमले के वक्त इफ्तार के लिए फल ले जा रहा था सेना का ट्रक

जम्मू-कश्मीर: आतंकी हमले के वक्त इफ्तार के लिए फल ले जा रहा था सेना का ट्रक
रुवार को दोपहर तीन बजे के करीब पुछं में आतंकी हमला हुआ। इस हादसे के बाद सुरक्षाबलों और जांच टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी। घातक हमले में शुक्रवार को करीब 12 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनसे मामले में पूछताछ की गई।

 

श्रीनगर आज 22 अप्रैल को एक ओर जहां पूरा देश ईद-उल-फितर का त्योहार मना रहा है, वहीं जम्मू-कश्मीर के पुंछ के एक गांव में लोगों ने ईद मनाने से इनकार कर दिया है।

गांव वालों ने ये फैसला पुंछ में हुए सेना ट्रक पर आतंकी हमले के बाद लिया है। दरअसल, गुरुवार 20 अप्रैल को घात लगाकर बैठे आतंकियों ने सेना के ट्रक पर अचानक हमला कर दिया। इस हादसे में पांच जवानों की दर्दनाक मौत हो गई, जिसके बाद न सिर्फ पुंछ बल्कि पूरे देश में शोक की लहर है।

हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार, सेना का ट्रक सांगियोट में शाम को आयोजित होने वाली इफ्तार पार्टी के लिए फल और अन्य सामान ले कर जा रहा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रक बालाकोट में स्थित राष्ट्रीय राइफल्स के बसूनी मुख्यालय से सामग्री ले जाता था।


 

 

इसके अलावा, वाहन ने भीमबेर गली क्षेत्र से अपनी यात्रा के दौरान अतिरिक्त सामान एकत्र किया, जहां पुंछ और राजौरी के बीच सेना के काफिले की आवाजाही के कारण राष्ट्रीय राइफल्स की महत्वपूर्ण उपस्थिति है।

इसी दौरान आतंकियों ने ट्रक पर हमला कर दिया जिसमें राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवान शहीद हो गए इन जवानों में चार पंजाब और 1 ओडिशा के रहने वाले थें।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सांगियोट पंचायत के सरपंच मुख्तियाज खान को भी इफ्तार के लिए न्योता दिया गया था। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें और गांव वालों को जैसे ही इसकी सूचना मिली कि पुछं में आतंकी हमले में सेना के कई जवान मारे गए हैं।

पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। गांव में निराशा छा गई। इसके बाद ग्रामीणों ने फैसला किया कि वह शनिवार को ईद नहीं मनाएंगे, वह केवल नमाज अदा करेंगे।

बता दें कि गुरुवार को दोपहर तीन बजे के करीब पुछं में आतंकी हमला हुआ। इस हादसे के बाद सुरक्षाबलों और जांच टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी। घातक हमले में शुक्रवार को करीब 12 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनसे मामले में पूछताछ की गई।

अधिकारियों ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों से सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवादी समूह की पहचान का पता लगाने के लिए विभिन्न स्तरों पर पूछताछ की जा रही है, जिसके बारे में माना जाता है कि वह एक साल से अधिक समय से क्षेत्र में सक्रिय है और संभवत: इसमें एक स्निपर भी शामिल है।

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