बेल्लारी के लिए जेठ-बहू में लड़ाई:अरबपति जनार्दन रेड्डी ने पत्नी को टिकट दिया, कैसे BJP को दे रहे चुनौती

बेल्लारी के लिए जेठ-बहू में लड़ाई:अरबपति जनार्दन रेड्डी ने पत्नी को टिकट दिया, कैसे BJP को दे रहे चुनौती

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

बेल्लारी । आज कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग है। अरुणा लक्ष्मी बेल्लारी सीट से चुनाव लड़ रही हैं। अरुणा लक्ष्मी जनार्दन रेड्डी की वाइफ हैं ,  जनार्दन रेड्डी ने BJP से बगावत कर तीन महीने पहले ही ये पार्टी बनाई है। 16 हजार करोड़ के अवैध खनन मामले में जेल गए जनार्दन रेड्डी 2016 में बेल पर बाहर आए थे। कहा जाता है कि 2007 से 2011 के बीच बेल्लारी में इतनी माइनिंग हुई थी कि ट्रकों के आने-जाने से सारी सड़कें टूट गईं। ये सड़कें अब तक नहीं बन पाई हैं। 

देश के सालाना खनन में कर्नाटक की हिस्सेदारी लगभग 25% है। इसका 60% बेल्लारी जिले से आता है। बड़े पैमाने पर अवैध माइनिंग की वजह से 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने बेल्लारी में माइनिंग पर रोक लगा दी थी।

देश के सालाना खनन में कर्नाटक की हिस्सेदारी लगभग 25% है। इसका 60% बेल्लारी जिले से आता है। बड़े पैमाने पर अवैध माइनिंग की वजह से 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने बेल्लारी में माइनिंग पर रोक लगा दी थी।

घोटाला उजागर होने पर कोर्ट ने जनार्दन रेड्डी के बेल्लारी आने पर रोक लगा दी थी, इसलिए वे बेल्लारी के पास गंगावती सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। बेटी की शादी में 500 करोड़ खर्च करने वाले जनार्दन ने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति 246 करोड़ बताई है।

बेल्लारी से पत्नी अरुणा लक्ष्मी को टिकट दिया। उनके खिलाफ BJP ने सोमशेखर रेड्डी को मैदान में उतारा है। सोमशेखर जनार्दन रेड्डी के बड़े भाई और अरुणा के जेठ हैं। एक वक्त वे जनार्दन को बचाने के लिए खुद जेल चले गए थे, पर अब भाइयों के रिश्ते बिगड़ चुके हैं।

जनार्दन रेड्डी की पत्नी अरुणा लक्ष्मी, चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने जनार्दन रेड्डी के नाम और काम पर ही वोट मांगे।

जनार्दन रेड्डी की पत्नी अरुणा लक्ष्मी, चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने जनार्दन रेड्डी के नाम और काम पर ही वोट मांगे।

रेड्डी भाइयों ने अवैध माइनिंग से हर रोज 5 करोड़ कमाए
2004 से 2011 तक बेल्लारी में हुए खनन के कारोबार से शहर की पहचान पूरी दुनिया में बनी। हर रोज हजारों ट्रक खदानों से होते हुए शहर की सड़कों से गुजरा करते थे। बडे़-बड़े कारोबारी लाखों-करोड़ों रुपए बना रहे थे। उन्हीं में जनार्दन रेड्डी भी थे।

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस संतोष हेगड़े साल 2007 में कर्नाटक के लोकायुक्त थे। रेड्डी बंधुओं की गड़बड़ी की जांच उनके पास आई। उन्होंने 2011 में रिपोर्ट लगाई कि रेड्डी भाइयों के अवैध खनन से सरकार को करीब 1600 करोड़ रुपए के रेवेन्यू का नुकसान हुआ है। अवैध खनन से रोज 5 करोड़ रुपए की कमाई की गई। CBI ने 5 सितंबर, 2011 को जनार्दन रेड्डी को अरेस्ट किया था। 21 जनवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई।

गड़बड़ी उजागर होने पर सुप्रीम कोर्ट ने माइनिंग के लिए नए नियम लागू कर दिए। खनन करने वाली कंपनियों को तीन कैटेगरी में बांटा गया। अब सिर्फ A और B कैटेगरी वाली कंपनियां माइनिंग कर सकती हैं, C कैटेगरी वाली कंपनियों को इसकी परमिशन नहीं हैं। जनार्दन रेड्डी की कंपनी भी C कैटेगरी में डाल दी गई। ये वो कंपनियां हैं, जिन्होंने एन्वायर्नमेंट को नुकसान पहुंचाया और गलत तरीके से माइनिंग कर करोड़ों रुपए बनाए।

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