देश की पहली ट्रांसजेंडर न्यायाधीश का छलका दर्द , तीसरे लिंग के लिए रोजगार में आरक्षण की वकालत

देश की पहली ट्रांसजेंडर न्यायाधीश का छलका दर्द , तीसरे लिंग के लिए रोजगार में आरक्षण की वकालत
देश की पहली ट्रांसजेंडर न्यायाधीश जोयिता मंडल ने तीसरे लिंग के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की जरूरत पर शुक्रवार को बल दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस और रेलवे जैसे सरकारी महकमों में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों की नियुक्तियों से समाज में काफी सकारात्मक बदलाव होगा। मंडल ने इंदौर में संस्कृति और साहित्य महोत्सव ‘’लिट चौक’’ में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘ट्रांसजेंडर समुदाय को सरकारी रोजगारों में आरक्षण दिया जाना बहुत जरूरी है ।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

इंदौर। भारत की पहली ट्रांसजेंडर न्यायाधीश जोयिता मंडल( India's first transgender Judge Joyita Mondal) ने अपने समुदाय के सदस्यों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग की है। उन्होंने ट्रांसजेंड के लिए इसकी आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि पुलिस फोर्स और रेलवे जैसे क्षेत्रों में उनके प्रवेश से उनके प्रति समाज का नजरिया बदलेगा और उनकी उन्नति में मदद मिलेगी।

First transgender judge Joyita Mondal seeks reservation in government jobs for her community kpa

लिट चौक में शामिल होने पहुंचे थे
मंडल ने कहा कि उनके समुदाय को भी देश में पर्याप्त संख्या में शेल्टर होम्स की जरूरत है और सरकार को इस संबंध में एक योजना शुरू करनी चाहिए। जोयिता मंडल ने शुक्रवार(16 दिसंबर) को इंदौर में आयोजित संस्कृति और साहित्य उत्सव लिट चौक(culture and literature festival Lit Chowk) में भाग लेने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा-"ट्रांसजेंडर समुदाय को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर मेरे पास नौकरी नहीं है, तो मुझे कौन खिलाएगा?" 

First transgender judge Joyita Mondal seeks reservation in government jobs for her community kpa

जोयिता ने कहा कि यदि आरक्षण के आधार पर ट्रांसजेंडर व्यक्ति पुलिस बल और रेलवे में शामिल होते हैं, तो इससे न केवल समुदाय के सदस्यों को जीवन में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी, बल्कि उनके प्रति समाज का दृष्टिकोण भी बदलेगा। जोयिता ने कहा कि अधिकारियों को अपने समुदाय के सदस्यों और उनके सामने आने वाली समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील होना चाहिए।

जानिए कौन हैं जोयिता मंडल और देश में ट्रांसजेंडर के बढ़ते कदम
मंडल को 2017 में पश्चिम बंगाल में इस्लामपुर की लोक अदालत में न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वह देश में इस तरह का पद संभालने वाली अपने समुदाय की पहली व्यक्ति बनीं।

2018 की शुरुआत में, ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता विद्या कांबले को महाराष्ट्र के नागपुर में एक लोक अदालत में सदस्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। उसी साल बाद में देश को तीसरा ट्रांसजेंडर जज स्वाति बिधान बरुआ मिला, जो गुवाहाटी की रहने वाली हैं।

पिछले हफ्ते, एक ऐतिहासिक फैसले में महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि थर्ड जेंडर के सदस्य पुलिस कांस्टेबल के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं और फरवरी 2023 तक उनके फिजिकल टेसट के लिए स्टैंडर्ड तय करने वाले नियम बनाएंगे।

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