देश को पहला प्राइवेट रॉकेट लॉन्चपैड मिला: कंपनी में आनंद महिंद्रा का निवेश,  अग्निबाण रॉकेट छोड़ा जाएगा 

देश को पहला प्राइवेट रॉकेट लॉन्चपैड मिला: कंपनी में आनंद महिंद्रा का निवेश,  अग्निबाण रॉकेट छोड़ा जाएगा
भारत में रॉकेट छोड़ने के लिए अब तक श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में मौजूद दो सरकारी लॉन्चपैड का इस्तेमाल किया जाता रहा है। हालांकि अब यह स्थिति बदलने वाली है। देश को पहला निजी रॉकेट लॉन्चपैड और मिशन कंट्रोल सेंटर मिल गया है। इसे स्पेस स्टार्टअप कंपनी अग्निकुल कॉसमॉस ने बनाया है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के चेयरमैन एस सोमनाथ ने इसका उद्घाटन किया है।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

नई दिल्ली।  भारत में रॉकेट छोड़ने के लिए अब तक श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में मौजूद दो सरकारी लॉन्चपैड का इस्तेमाल किया जाता रहा है। हालांकि अब यह स्थिति बदलने वाली है। देश को पहला निजी रॉकेट लॉन्चपैड और मिशन कंट्रोल सेंटर मिल गया है। इसे स्पेस स्टार्टअप कंपनी अग्निकुल कॉसमॉस ने बनाया है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के चेयरमैन एस सोमनाथ ने इसका उद्घाटन किया है।

लॉन्चपैड से छोड़ा जाएगा 'अग्निबाण'

अग्निबाण रॉकेट पृथ्वी की निचली कक्षा में 100 किलोग्राम तक का भार लेकर जा सकता है।

(अग्निबाण रॉकेट पृथ्वी की निचली कक्षा में 100 किलोग्राम तक का भार लेकर जा सकता है।)

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, कंपनी अग्निबाण नाम का रॉकेट भी तैयार कर रही है। इसे नए लॉन्चपैड से इस साल के आखिर तक छोड़ा जा सकता है। यानी अब सतीश धवन स्पेस सेंटर में प्राइवेट लॉन्चपैड को भी ऑपरेट किया जाएगा। कंपनी को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मद्रास का सपोर्ट है। साथ ही ISRO ने इस प्रोजेक्ट में मदद की है।

अग्निबाण रॉकेट दो स्टेज वाला लॉन्च व्हीकल है जो धरती से 700 किलोमीटर की ऊंचाई तक 100 किलोग्राम तक का भार लेकर जा सकता है। यह पृथ्वी की निचली कक्षा में सैटेलाइट्स स्थापित करने में सक्षम है। इसमें प्लग-एंड-प्ले इंजन कन्फीग्यूरेशन है।

पहला सिंगल पीस 3D प्रिंटेड इंजन बनाया

अग्निलेट दुनिया का पहला सिंगल पीस 3D प्रिंटेड रॉकेट इंजन है।

(अग्निलेट दुनिया का पहला सिंगल पीस 3D प्रिंटेड रॉकेट इंजन है।)

अग्निकुल कॉसमॉस ने इससे पहले 'अग्निलेट' बनाया था। यह दुनिया का पहला सिंगल पीस 3D प्रिंटेड रॉकेट इंजन है। यानी इसमें किसी भी पार्ट को असेंबल करने की जरूरत नहीं पड़ी। इसे साल 2021 की शुरुआत में सफलतापूर्वक टेस्ट-फायर किया गया था। इसी इंजन को अग्निबाण रॉकेट में लगाया जाएगा।

आनंद महिंद्रा ने किया कंपनी में निवेश

अग्निकुल कॉसमॉस के फाउंडर मोइन एसपीएम (L) और श्रीनाथ रविचंद्रन (R)।

अग्निकुल कॉसमॉस साल 2017 में स्थापित हुई थी। इसे चेन्नई में श्रीनाथ रविचंद्रन, मोइन एसपीएम और आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर एसआर चक्रवर्ती ने मिलकर शुरू किया था। फिलहाल कई बड़े उद्योगपतियों ने कंपनी में निवेश किया हुआ है। इनमें सबसे बड़ा चेहरा आनंद महिंद्रा हैं। अग्निबाण रॉकेट के डेवलपमेंट के लिए उन्होंने 80.43 करोड़ रुपए निवेश किए हैं। इसके अलावा स्पेशल इन्वेस्ट, पाई वेंचर्स और अर्थ वेंचर्स ने भी कंपनी में निवेश किया है।

 

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