ऐसा तूफान आएगा जिसे आप काबू नहीं कर पाओगे' फारूक अब्दुल्ला की सेना और सरकार को चेतावनी
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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
जम्मू। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर से विवादित बयान दे दिया है। फारुख अब्दुल्ला ने साफ तौर पर आरोप लगाया है कि कभी सेना ने कश्मीर के लोगों को वोट नहीं डालने दी थी। इसके साथ ही उन्होंने सरकार और सेना को चेतावनी भी दे दी। अपने चेतावनी में फारूक अब्दुल्ला ने साफ तौर पर कहा कि चुनाव में वे दखल ना दें, नहीं तो ऐसा तूफान आएगा जिसे आप काबू नहीं कर पाओगे। अपने बयान में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था (1996 में जम्मू-कश्मीर का), मैं डोडा के एक गांव में गया था जहां मतदान हो रहा था। मैं वहां किसी को नहीं देख सका क्योंकि (मतदान) मशीनें सेना के शिविर में रखी हुई थीं। जब मैंने पूछा कि कोई यहां क्यों नहीं है, तो उन्होंने (सैनिकों) कहा कि कोई वोट देने नहीं आया।
इसके साथ ही नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख ने कहा कि फिर मैं गाँव गया और एक दुकानदार से इस बारे में पूछा। उसने मुझे बताया कि सैनिकों ने कहा था कि (मतदान) मशीनों के पास मत आना, अन्यथा, वे हमारे पैर तोड़ देंगे। इसके बाद उन्होंने कहै कि मैं सेना और सरकार से कहना चाहता हूं कि चुनाव में दखल न दें, नहीं तो ऐसा तूफान आएगा जिसे आप काबू नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि 2018 के पंचायत चुनाव का बहिष्कार करना हमारी एक गलती थी और भविष्य में मेरी पार्टी जम्मू कश्मीर के हर चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी। उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि याद रखें, अब हम आने वाले किसी भी चुनाव का बहिष्कार नहीं करेंगे। इसके बजाय हम चुनाव मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे।
Srinagar | When I was the CM (of J&K in 1996), I went to a village in Doda where polling was happening. I couldn't see anyone there as the (voting) machines were kept in army camp. When I asked why no one was here, they (troops) said no one came to vote: NC chief Farooq Abdullah pic.twitter.com/TuvMriIjeL
— ANI (@ANI) December 5, 2022
आपको बता दें कि फारूक अब्दुल्ला सोमवार को फिर से एक और कार्यकाल के लिए नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष चुने गए। 85 वर्षीय नेता को यहां नसीम बाग में पार्टी संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के मकबरे के पास आयोजित नेकां के प्रतिनिधि सत्र में सर्वसम्मति से पार्टी का प्रमुख चुना गया। इस दिन शेख अब्दुल्ला की 117वीं जयंती भी मनाई गई। नेकां के महासचिव अली मोहम्मद सागर ने कहा कि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि तक केवल अब्दुल्ला का नामांकन प्राप्त हुआ था। सागर ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला के समर्थन में कश्मीर से कुल 183, जम्मू से 396 और लद्दाख से 25 प्रस्ताव प्राप्त हुए। नेकां पिछला अध्यक्ष चुनाव पांच साल पहले हुआ था।
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