राहुल गांधी ने अपनी छवि का 'असली सच' बताया , कहा- पहले वे 24 घंटे मेरी वाह-वाह करते थे
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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत जोड़ा यात्रा के बीच अपने राजनीतिक जीवन पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब वह राजनीति में नए-नए आए थे तो मीडिया ने 5-6 साल उनकी जबरदस्त प्रशंसा की थी। राहुल गांधी ने कहा, ‘मीडिया 24 घंटे मेरी ‘वाह-वाह’ करते नहीं थकता था, लेकिन उसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि सब बदल गया। ’ राहुल गांधी ने यह बातें अपने नए वीडियो में कही हैं। इस वीडियो में उनकी भारत जोड़ा यात्रा और राजनीति के उनके पुराने दिनों का कलेक्शन है।
इस वीडियो में राहुल गांधी ने कहा, ‘राजनीति में प्रवेश करते ही मैंने दो मुद्दे उठाए। एक था नियमगिरी और दूसरा था भट्टा पारसौल। मैंने गरीबों की बात की। जब मैंने जमीन पर गरीबों के अधिकारों की रक्षा की बात की तो मीडिया का तमाशा शुरू हो गया। हम आदिवासियों के लिए पेसा कानून और उनके भूमि अधिकार के लिए नए कानून लाए। ठीक इसके बाद मीडिया ने 24 घंटे मेरे विरोध में लिखना शुरू कर दिया। ’
मेरी मीडिया छवि का असली सच क्या है? https://t.co/PW4ZZqIN8b pic.twitter.com/IX9Lp91FgE
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 4, 2022
राहुल गांधी ने बीजेपी पर किया हमला
राहुल ने कहा, ‘जो संपत्तियां महाराजाओं की थीं उन्हें कानून के जरिये जनता को दिया गया, लेकिन बीजेपी ठीक इसके उलट काम कर ही है। वह जनता से उन संपत्तियों को वापस लेकर महाराजाओं को दे रही है। ’ उन्होंने कहा कि बीजेपी उनकी छवि खराब करने के लिए हजारों करोड़ रुपये पानी की तरह बहा रही है, लेकिन कमाल की बात यह है कि इसके बाद भी वैसा नहीं हो रहा। कैसी भी स्थिति हो सच बाहर निकलकर आ ही जाता है।
उन्होंने कहा, बीजेपी के मेरी छवि खराब करने से मेरी ताकत और बढ़ रही है, क्योंकि सच को दबाया नहीं जा सकता। जब आप किसी बड़ी ताकत से टकराते हैं तो आप पर निजी हमले होते हैं। मेरे ऊपर हो रहे निजी हमलों से यह बात तय हो गई कि मैं सही रास्ते पर चल रहा हूं। यह बात मेरी गुरु है. यह मुझे सिखाती है कि किस रास्ते को चुनना है। और, फिर में अपनी लड़ाई में आगे निकल जाता हूं। जब तक मैं आगे जा रहा हूं, तब तक सब ठीक है।
बता दें, नियमगिरी भूमि ओडीशा का मामला था। वेदांता ग्रुप यहां खदान चाह रहा था। उस वक्त राहुल गांधी ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया और आखिरी में वेदांता को खदान की मिली हुई अनुमति निरस्त हो गई। दूसरी ओर, भट्टा पारसौल उत्तर प्रदेश का मामला था। यहां साल 2011 में जमीन अधिग्रहण के विरोध में किसानों ने बड़ा आंदोलन किया था। उस वक्त भी राहुल गांधी ने किसानों से मुलाकात कर तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती का विरोध किया था। राहुल गांधी का यह कदम उनके राजनीतिक जीवन का यादगार कदम माना जाता है।