PM मोदी ने शेयर किया ऐतिहासिक वीडियो-'जब INS विक्रांत पर सवार था, गर्व की भावना बयां नहीं कर सकता'

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
नई दिल्ली। 2 सितंबर, 2022 भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन बन गया, जब PM नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने देश के अपने पहले स्वदेशी यानी 'मेड इन इंडिया' INS विक्रांत (first indegenous aircraft carrier as INS Vikrant) को लॉन्च किया।
कोच्चि में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में इसे नौसेना को सौंपा गया था। 3 सितंबर को मोदी ने एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने इस यादगार दिन का जिक्र करते हुए लिखा है-"भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन! जब मैं कल आईएनएस विक्रांत पर सवार था, उस गर्व की भावना को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।"
A historic day for India!
— Narendra Modi (@narendramodi) September 3, 2022
Words will not be able to describe the feeling of pride when I was on board INS Vikrant yesterday. pic.twitter.com/vBRCl308C9
दुनिया के टॉप-10 कैरियर एयरक्राफ्ट में शामिल
INS विक्रांत के समुद्र में उतरने के साथ ही भारत की सैन्य ताकत में एक और ईजाफा हो गया है। इसे भारतीय नौसेना के इन-हाउस वॉरशिप डिज़ाइन ब्यूरो (WDB) द्वारा डिज़ाइन किया गया है, जबकि कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने बनाया है।
यह सिर्फ एक कैरियर विमानवाहक पोत(aircraft carrier) भर नहीं है, बल्कि नौसेना के लिए प्रतिष्ठा और शक्ति का प्रतीक(prestige and power for the indian navy) है। ये एक फ्लोटिंग एयरबेस होते हैं, जिन पर हर तरह के लड़ाकू विमान उड़ाए जा सकते हैं।
दुनियाभर में 13 नौसेनाओं के पास करीब 42(INS विक्रांत मिलाकर) विमानवाहन युद्धपोत हैं। भारत के पास अब 2 हो गए हैं। बता दें कि एयरक्राफ्ट कैरियर IAC विक्रांत की कमीशनिंग समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा-अमृतकाल' के प्रारंभ में INS विक्रांत की कमीशनिंग अगले 25 वर्षों में राष्ट्र की सुरक्षा के हमारे मजबूत संकल्प को दर्शाती है।
मोदी ने विक्रांत को बताया है विशाल, विराट और विहंगम
2 सितंबर को INS विक्रांत को नौसेना को सौंपने के लिए हुए कार्यक्रम में मोदी ने कहा था-आज केरल के समुद्री तट पर हर भारतवासी, एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है।
आईएनएस विक्रांत पर हो रहा ये आयोजन विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है। विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है।विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है।
विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है। ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यदि लक्ष्य दुरन्त(कठिन) हैं, यात्राएं दिगंत(लंबी) हैं, समंदर और चुनौतियां अनंत हैं- तो भारत का उत्तर है विक्रांत। आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत। आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत।