ताकतवर अपना जीवन जीता है , बुद्धिमान दूसरों को जीने में मदद करता है : संघ प्रमुख मोहन भागवत

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
कर्नाटक। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा ने जनसंख्या बढ़ाने और खाने का काम तो जानवर भी करते हैं। ये जंगल में सबसे ताकतवर रहने के लिए जरूरी है। ताकतवर ही जिंदा रहेगा, ये जंगल का कानून है। इंसानों में ऐसा नहीं है। इंसानों में जब ताकतवर दूसरे की रक्षा करता है तो ये ही इंसानियत की निशानी है। भागवत कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर की श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस के पहले दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे।
ताकतवर अपना जीवन जीता है , बुद्धिमान दूसरों को जीने में मदद करता है
मोहन भागवत ने कहा कि , जो ताकतवर है वह जीवन जी लेगा , यह जंगल का कानून है लेकिन अगर इंसानों के बारे में कहा जाए तो वह सबसे योग्य व्यक्ति दूसरों को जीने में मदद करेगा आरएसएस चीफ भागवत कर्नाटक के चिकबल्लापुरा जिले के मुद्देनहल्ली में सत्य साईं ग्राम स्थित ‘श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस’ के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने ये बातें कहीं। अपने वक्त्वय में भागवत ने यह भी कहा कि, अगर किसी ने 10-12 साल पहले कहा होता कि भारत आगे बढ़ेगा तो हम इसे गंभीरता से नहीं लेते।
विवादों से बढ़ रही दुनियां आगें
भागवत ने कहा कि मौजूदा विज्ञान में बाहरी दुनिया के अध्ययन में समन्वय और संतुलन का अभाव है। जिस वजह से हर जगह विवाद की स्थिति पैदा होती है. अगर आपकी भाषा अलग है, तो विवाद है। अगर आपकी पूजा पद्धति अलग है, तो विवाद है और अगर आपका देश अलग है, तो विवाद है। विकास और पर्यावरण तथा विज्ञान और अध्यात्म के बीच विवाद है. कुछ इस तरह पिछले 1,000 साल में दुनिया आगे बढ़ी है।
भागवत ने दीक्षांत के दौरान कहा कि अगर किसी की भाषा अलग है, धर्म अलग है, यहां तक कि देश भी अलग है तो यह विवाद की जड़ है। पर्यावरण और विकास के बीच हमेशा से ही विवाद होता रहा है। श्रेष्ठता अध्यात्म के जरिए ही मिल सकती है, क्योंकि विज्ञान अभी तक सृष्टि का मूल नहीं समझ सका है। विज्ञान ने केवल इतना पाया कि सब कुछ आपस में जुड़ा है, लेकिन वो कनेक्टिंग फैक्टर नहीं खोज सका। इस दौरान इसरो के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन, पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सुनील गावस्कर, गायक पंडित एम वेंकटेश कुमार भी मौजूद थे।