कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ‘ककोका’ मामलों में सुनवाई के लिए दिशानिर्देश जारी किए

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ‘ककोका’ मामलों में सुनवाई के लिए दिशानिर्देश जारी किए
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उन मामलों में अपनाए जाने वाले दिशानिर्देश जारी किए हैं जब एक ही व्यक्ति कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (ककोका) और अन्य आपराधिक कानूनों के तहत मामलों का सामना कर रहा है। यह निर्देश राज्य सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर जारी किए गए। याचिका में गैंगस्टर बन्नांजे राजा के खिलाफ ‘ककोका’ के तहत मामला लंबित रहने के दौरान दूसरे आपराधिक कानूनों के तहत मुकदमे को स्थगित रखने की मांग की गई थी ।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
 
बेंगलूरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उन मामलों में अपनाए जाने वाले दिशानिर्देश जारी किए हैं जब एक ही व्यक्ति कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (ककोका) और अन्य आपराधिक कानूनों के तहत मामलों का सामना कर रहा है। यह निर्देश राज्य सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर जारी किए गए। याचिका में गैंगस्टर बन्नांजे राजा के खिलाफ ‘ककोका’ के तहत मामला लंबित रहने के दौरान दूसरे आपराधिक कानूनों के तहत मुकदमे को स्थगित रखने की मांग की गई थी बेलगावी में ‘ककोका’ मामलों के विशेष न्यायाधीश द्वारा राज्य सरकार के आवेदन को खारिज कर दिया गया था।

सरकार ने विशेष न्यायाधीश के फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में तीन याचिकाएं दायर की थीं। राज्य ने ककोका की धारा 10 के तहत आवेदन दाखिल किया था, जिसमें विशेष मामले में सुनवाई पूरी होने तक बन्नांजे राजा के खिलाफ अन्य सभी नियमित आपराधिक मामलों पर रोक लगाने की मांग की गई थी। विशेष अदालत ने इस अर्जी को खारिज कर दिया था। राज्य की याचिकाओं पर सुनवाई करने वाले न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज ने भी इसे खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय ने कहा कि ‘ककोका’ मामले में मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हुआ, जबकि अभियुक्त के खिलाफ अन्य आपराधिक मामलों में मुकदमा शुरू हो चुका है।

याचिकाओं को खारिज करते हुए अदालत ने कहा, “यह स्पष्ट है कि धारा 10 तब लागू होगी जब ककोका के तहत एक अपराध के मुकदमे की सुनवाई शुरू हो चुकी होगी। यदि सुनवाई अभी तक शुरू नहीं हुई है, तो धारा 10 के लागू होने का कोई सवाल नहीं पैदा होता।” उसी फैसले में, उच्च न्यायालय ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि ‘ककोका’ की धारा 10 के तहत किए गए आवेदन के मामले में, इसके साथ यह बताया जाना चाहिए कि उक्त आरोपी के खिलाफ लंबित अन्य सभी आपराधिक कार्यवाही, मामले की स्थिति क्या है। यह भी बतया जाना चाहिेए कि सुनवाई शुरू हुई है या नहीं। अदालत ने कहा कि यदि मुकदमा शुरू हो गया है, तो कितने गवाहों की जांच की जा रही है और आरोपी की हिरासत का विवरण आवेदन में प्रदान किया जाना है। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि ‘ककोका’ मामलों में, सुनवाई दैनिक आधार पर होनी चाहिए।

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