नियंत्रण रेखा के साथ सटे तंगधार सेक्टर के सुधपोरा इलाके में घुसपैठ का प्रयास विफल, विदेशी आतंकी ढेर

नियंत्रण रेखा के साथ सटे तंगधार सेक्टर के सुधपोरा इलाके में घुसपैठ का प्रयास विफल, विदेशी आतंकी ढेर

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
 

कुपवाड़ा । कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा के साथ सटे तंगधार सेक्टर के सुधपोरा इलाके में सेना ने बुधवार सुबह सरहद पार से होने वाली आतंकियों की घुसपैठ के प्रयास को विफल कर दिया। इस दौरान एक विदेशी आतंकवादी मारा गया।

सैन्य सूत्रों के मुताबिक जवानों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ का प्रयास कर रहे दो-तीन आतंकियों को देखा। जवानों ने उन्हें चेतावनी भी दी। मगर उन्होंने अनसुना कर दिया। इस वजह से सेना को गोली चलानी पड़ी। इस गोलीबारी में एक आतंकी ढेर हो गया। साथी को गोली लगते ही दूसरे आतंकी वापस लौट गए। सेना ने मारे गए आतंकी के शव को कब्जे में ले लिया है। उसके पास से हथियार और गोला बारूद बरामद हुआ है। सुरक्षाबलों ने घुसपैठ के इस प्रयास के बाद तंगधार सेक्टर के साथ लगते इलाकों में तलाशी अभियान शुरू किया है।

हाल ही में आतंकवादियों द्वारा कई टार्गेट किलिंग को अंजाम देने के बाद 10 कश्मीरी पंडित परिवार डर के मारे दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में अपना गांव छोड़कर जम्मू पहुंच गए हैं। चौधरीगुंड के निवासियों ने कहा कि हाल के आतंकवादी हमलों ने उन पंडितों के बीच एक मानसिक भय पैदा कर दिया है, जो 1990 के दशक में आतंकवाद के सबसे कठिन दौर में कश्मीर में रहते थे और अपना घर नहीं छोड़ते थे।  

कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट को 15 अक्टूबर को शोपियां जिले के चौधरीगुंड गांव में उनके पुश्तैनी घर के बाहर आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। शोपियां में ही 18 अक्टूबर को मोनीश कुमार और राम सागर को आतंकवादियों ने ग्रेनेड हमले में मार दिया था, जब वे अपने किराए के आवास में सो रहे थे।  मौत की धमकी का सामना करने वाले चौधरीगुंड गांव के निवासी ने हाल ही में मीडिया को बताया, "35 से 40 कश्मीरी पंडितों वाले दस परिवार डर के कारण हमारे गांव से बाहर चले गए हैं।"

उन्होंने कहा कि गांव अब खाली हो गया है। एक अन्य ग्रामीण ने कहा, "हमारे लिए कश्मीर घाटी में रहने के लिए स्थिति अनुकूल नहीं है। हम हत्याओं के कारण डर में जी रहे हैं। हमारे लिए कोई सुरक्षा नहीं है।" ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार सुरक्षा की गुहार लगाने के बावजूद उनके गांव से दूर एक पुलिस चौकी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने सब कुछ अपने घरों में छोड़ दिया है। यहां तक ​​कि हाल ही में सेब की फसल भी छोड़ दी है। जो लोग जम्मू पहुंचे हैं वे अपने रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं। 

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